झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आगामी बजट 2025-26 की तैयारियों को लेकर बजट पूर्व संगोष्ठी का आयोजन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि बजट ऐसा होना चाहिए, जो राज्य की मूलभूत समस्याओं का समाधान करे और झारखंड को सर्वांगीण विकास की दिशा में आगे बढ़ाए. मंगलवार को झारखंड मंत्रालय में आयोजित इस संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य को अपनी आर्थिक मजबूती के लिए संसाधनों का सही उपयोग और बेहतर राजस्व संग्रह करना होगा.
बजट को बनाया जाए समावेशी और प्रभावी
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट को आइडियल और सर्वोत्तम बनाने के लिए विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों ने कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं. इन सुझावों का गहन अध्ययन कर उन्हें बजट में शामिल करने पर विचार किया जाएगा, ताकि राज्य सतत एवं समावेशी विकास की दिशा में आगे बढ़ सके. संगोष्ठी में ‘अबुआ बजट पोर्टल’ के जरिए प्राप्त सुझावों का भी जिक्र हुआ. मुख्यमंत्री ने पोर्टल पर सबसे अच्छे सुझाव देने वाले अनीश कुमार मुरारका, नीतीश कुमार और राम प्रवेश राम को पुरस्कृत किया. इसके अलावा अन्य बेहतर सुझाव देने वालों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया.
राजस्व संग्रहण के लिए ठोस कदम उठाने पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड को आत्मनिर्भर बनने के लिए अपने राजस्व संग्रहण पर विशेष ध्यान देना होगा. उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिया कि वे राजस्व संग्रहण की संभावनाओं को तलाशने और बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाएं. मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि जब तक आर्थिक संसाधन मजबूत नहीं होंगे, तब तक राज्य का विकास बाधित रहेगा. उन्होंने कहा कि झारखंड को अपनी जरूरतों के अनुसार विकास कार्यों के लिए राशि खर्च करनी होगी.
लंबी अवधि के विकास की ओर बढ़ते कदम
मुख्यमंत्री ने सतत विकास के लिए लंबी अवधि की योजनाओं पर बल दिया. उन्होंने कहा कि किसी भी विकास का आधार उसकी मजबूत नींव होती है. अगर नींव मजबूत होगी तो भविष्य में ऊंचे लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं. सरकार इस दिशा में प्राथमिकताएं तय कर रही है और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है. यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि ऐसी योजनाएं बनाई जाएं, जो भविष्य में भी उपयोगी साबित हों.
झारखंड की 70% आबादी के पास बजट प्लानिंग नहीं
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड की 70 प्रतिशत जनता के पास आज भी अपनी कोई बजट योजना नहीं है. उनके पास आय और व्यय की कोई ठोस योजना नहीं होती, जिसकी वजह से वे विकास की दौड़ में पीछे रह जाते हैं. लेकिन सरकार ने अपनी नीतियों और योजनाओं के माध्यम से इस स्थिति को बदलने का प्रयास किया है. विभिन्न योजनाओं और संसाधनों के जरिए जनता को सशक्त किया जा रहा है.
विशेषज्ञों के सुझावों से मिलेगा दिशा-निर्देश
बजट 2025-26 की तैयारी में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने अहम सुझाव दिए. इनमें शिक्षा, कृषि, पब्लिक फाइनेंस और डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स जैसे क्षेत्रों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई. यूनिसेफ के पूर्व एजुकेशन स्पेशलिस्ट विनोबा गौतम ने शिक्षा, इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट रिसर्च के प्रोफेसर एस चंद्रशेखर ने विकास अर्थशास्त्र, एनआईईपीए के प्रोफेसर सुधांशु भूषण ने उच्च शिक्षा, आईआईएम उदयपुर की डॉ. निधि अग्रवाल ने कृषि और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के प्रोफेसर वीएन आलोक ने सार्वजनिक वित्त पर अपने विचार रखे. मुख्यमंत्री ने इन सुझावों को बजट में शामिल करने का आश्वासन दिया.
संगोष्ठी में प्रमुख लोग रहे मौजूद
इस बजट पूर्व संगोष्ठी में वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर, मुख्य सचिव अलका तिवारी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, प्रधान सचिव मस्तराम मीणा और राज्य वित्त आयोग के सदस्य डॉ. हरिश्वर दयाल सहित कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. इसके अलावा, विभिन्न विभागों के सचिव और देशभर से आए विषय विशेषज्ञ भी उपस्थित थे.