खूंटी | 4 जुलाई 2025 | झारखंड के खूंटी जिले में एक टूटा हुआ पुल स्कूली बच्चों और स्थानीय लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। खूंटी-सिमडेगा मुख्य पथ पर पेलौल गांव के पास स्थित बनई नदी पर बना पुल 19 जून को तेज बारिश के कारण धंस गया था। पुल का एक पिलर झुकने से स्लैब करीब 20 फीट नीचे चला गया है। इसके चलते वाहनों का आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है।
स्थानीय लोगों ने पुल पार करने के लिए बांस की सीढ़ी लगाई है। अब इसी खतरनाक बांस की सीढ़ी के सहारे लोग पुल पार कर रहे हैं, जिसमें सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों को हो रही है। यह स्थिति किसी भी समय बड़े हादसे को न्योता दे सकती है।
स्कूली बच्चों की बढ़ी परेशानी
पुल के टूटने से सबसे अधिक मुश्किल स्कूली बच्चों को हो रही है।
✅ कैथरीन एकेडमी (पेलौल) और
✅ डॉन बॉस्को, संत एंथोनी (बीचना गांव) जैसे कई स्कूलों में दूर-दराज के गांवों के बच्चे पढ़ते हैं।
इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे सुनगी, रोड़ो, अंगराबारी, बिचना, जापूत, गम्हरिया जैसे गांवों से आते हैं। अब बच्चे हर दिन जान जोखिम में डालकर स्कूल पहुंच रहे हैं।
बांस की सीढ़ी से खतरे का सफर
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अभिभावक अपने निजी वाहनों से बच्चों को टूटे पुल तक लाते हैं।
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वहां से बच्चों को एक अस्थायी बांस की सीढ़ी के जरिए 20 फीट नीचे उतारा जाता है।
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बारिश के कारण यह सीढ़ी बेहद फिसलन भरी और खतरनाक हो गई है।
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छोटे बच्चों को कई बार माता-पिता अपनी पीठ पर लादकर सीढ़ी से ऊपर-नीचे ले जाते हैं।
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टूटे पुल के बीच करीब दो फीट का गैप भी है, जिसे पार करना आसान नहीं।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यह स्थिति किसी बड़ी दुर्घटना को खुला न्योता दे रही है।
वैकल्पिक मार्ग की समस्या
पुल टूटने के बाद प्रशासन ने वैकल्पिक मार्ग के रूप में कुंजला-जूरदाग-अंगराबारी पथ सुझाया है।
✅ यह रास्ता ठीक है लेकिन यह सिर्फ एक किलोमीटर की सिंगल सड़क है।
✅ भारी वाहनों और लंबी दूरी की गाड़ियों को इस रास्ते से गुजरने में परेशानी हो रही है।
✅ स्थानीय लोग प्रशासन की ढिलाई और देरी से नाराज़ हैं।
“मजबूरी में बच्चों को ऐसे स्कूल भेज रहे हैं” – ग्रामीण
बिचना गांव के रंथू मांझी ने कहा:
“क्या करें, मजबूरी है। बच्चों को इसी तरह स्कूल भेजना पड़ रहा है। वैकल्पिक मार्ग लंबा है। सरकार और प्रशासन को इस पर गंभीरता दिखानी चाहिए। डायवर्सन का निर्माण जल्द हो।”
प्रभारी एसडीओ का निर्देश: रास्ता बंद किया जाए
इस मामले पर प्रभारी एसडीओ अरविंद कुमार ओझा ने कहा:
“टूटे पुल पर सीढ़ी लगाकर स्कूली बच्चों के आवागमन की सूचना पर तत्काल उस रास्ते को बंद कराने के निर्देश दिए गए हैं। मुरहू और तोरपा के बीडीओ और सीओ को कहा गया है कि इस रास्ते से किसी तरह का कोई आवागमन न हो।”