झारखंड में सत्तारूढ़ हेमंत सोरेन सरकार पर अब विपक्षी पार्टी बीजेपी ने गंभीर आरोप लगाए हैं. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर किसानों से वादा खिलाफी करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि राज्य सरकार ने चुनावी घोषणा पत्र में किसानों के लिए जो वादे किए थे, उन्हें पूरा नहीं किया. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने किसानों को ठगने का काम किया है, और इसके परिणामस्वरूप राज्य के किसान अपने हक से वंचित हो रहे हैं.
किसानों के साथ धोखा: बीजेपी का आरोप
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने रांची में आयोजित एक प्रेस वार्ता में कहा कि हेमंत सोरेन सरकार ने चुनाव प्रचार के दौरान किसानों से वादा किया था कि राज्य में 3200 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से अनाज की खरीदारी की जाएगी. लेकिन वर्तमान में सरकार किसानों से 2400 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से अनाज खरीद रही है, जो कि चुनावी वादों से कहीं भी मेल नहीं खाता. बाबूलाल मरांडी ने यह सवाल उठाया कि सरकार को यह सोचना चाहिए कि किसानों को कैसे आत्मनिर्भर बनाया जाए, न कि उन्हें धोखा दिया जाए. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने राज्य सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि राज्य सरकार की नीतियों से किसानों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार किसानों को प्रोत्साहित करने की बजाय, उन्हें आर्थिक रूप से और कमजोर बना रही है. उनका कहना था कि किसानों को पर्याप्त समर्थन मिलना चाहिए ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें, लेकिन राज्य सरकार इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है.
3200 रुपये प्रति क्विंटल की खरीदारी की मांग
बाबूलाल मरांडी ने सरकार से स्पष्ट मांग की है कि वह अपनी घोषणा के मुताबिक 3200 रुपये प्रति क्विंटल में अनाज की खरीदारी करें. उन्होंने यह भी कहा कि इस समय अन्य राज्यों जैसे ओडिशा और छत्तीसगढ़ में किसानों से 3200 रुपये में अनाज खरीदी जा रही है, जबकि झारखंड में सरकार 2400 रुपये में खरीदारी कर रही है. बीजेपी नेता ने कहा कि सरकार को किसानों के कल्याण के लिए इन राज्यों की नीति अपनानी चाहिए, ताकि राज्य के किसान भी बेहतर मूल्य पा सकें. मरांडी ने यह भी कहा कि झारखंड सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिले और किसानों को प्रोत्साहित करने के बजाय उन्हें हतोत्साहित नहीं किया जाए. उन्होंने राज्य सरकार को चेतावनी दी कि यदि सरकार ने किसानों के अधिकारों की रक्षा नहीं की, तो बीजेपी इस मुद्दे को जन आंदोलन का रूप दे सकती है.
पैक्स और लैंपस में धान की कटौती पर सवाल
बाबूलाल मरांडी ने अपनी बातचीत में राज्य सरकार से एक और महत्वपूर्ण सवाल उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार पैक्स (प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां) और लैंपस (स्थानीय कृषि विपणन समितियां) के माध्यम से धान की खरीद में कटौती कर रही है. उनका कहना था कि इन संस्थाओं के माध्यम से किसानों से धान की उचित खरीदारी नहीं हो रही है, और कटौती के कारण किसानों को उनके उत्पाद का पूरा मूल्य नहीं मिल रहा है. उन्होंने सरकार से मांग की कि इस प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाए ताकि किसानों को उनके अनाज का सही मूल्य मिल सके. साथ ही, उन्होंने राज्य सरकार से यह भी कहा कि पैक्स और लैंपस में सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं.
किसान कल्याण की दिशा में बीजेपी की रणनीति
बाबूलाल मरांडी ने बीजेपी की किसान कल्याण नीति पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकारें अन्य राज्यों में किसानों के लिए बेहतर नीतियां लागू कर रही हैं. जैसे कि ओडिशा और छत्तीसगढ़ में किसानों से 3200 रुपये में अनाज की खरीदारी की जा रही है, और वहां की सरकारें किसानों को पूरी तरह से प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रही हैं. मरांडी ने बताया कि यदि बीजेपी की सरकार झारखंड में आती है, तो वह किसानों को उनकी मेहनत का पूरा मूल्य देने का काम करेगी. उनका कहना था कि किसान राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, और उनकी भलाई के लिए उचित नीतियों की आवश्यकता है.