झारखंड बंद: सिरमटोली रैंप विवाद को लेकर आदिवासी संगठनों का विरोध तेज, JLKM ने दिया समर्थन

 

रांची: सिरमटोली सरना स्थल के सामने बनाए गए फ्लाईओवर रैंप को हटाने की मांग को लेकर आज झारखंड बंद का आह्वान किया गया है। यह बंद आदिवासी बचाओ मोर्चा और केंद्रीय सरना स्थल सिरमटोली बचाओ मोर्चा की ओर से बुलाया गया है। बंद को झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) का समर्थन भी मिला है।

बंद के पहले मंगलवार शाम को राजधानी रांची में मशाल जुलूस निकाला गया। जयपाल सिंह स्टेडियम से शुरू हुए इस जुलूस में बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग शामिल हुए, जिन्होंने मशाल लेकर अलबर्ट एक्का चौक तक मार्च किया और नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि जब तक सिरमटोली रैंप को सरना स्थल के सामने से शिफ्ट नहीं किया जाता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।

बंद के दौरान कुछ सेवाओं को दी गई छूट

बंद का समय सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक रखा गया है। इस दौरान दवा दुकानें, आवश्यक सेवाएं, शवयात्रा एंबुलेंस और अस्पताल जानेवाले मरीजों को छूट दी गई है ताकि आम जनता को अत्यावश्यक सेवाओं में कोई परेशानी न हो।

राजनीतिक समर्थन और व्यापक मुद्दे

JLKM के केंद्रीय वरीय उपाध्यक्ष देवेंद्र नाथ महतो ने इस बंद को नैतिक समर्थन देते हुए कहा कि झारखंड सरकार को आदिवासी संगठनों की मांगों को गंभीरता से लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को आदिवासियों के धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों की रक्षा करनी चाहिए।

संगठन केवल सिरमटोली रैंप विवाद ही नहीं, बल्कि मारंग बुरू, पारसनाथ पहाड़, लुगुबुरू, मुड़हर पहाड़ और दिवरी दिरी जैसे आदिवासी धार्मिक स्थलों की रक्षा, पेसा कानून का प्रभावी क्रियान्वयन, भूमि अधिग्रहण और लैंडबैंक नीति, ट्राइबल यूनिवर्सिटी की स्थापना, भाषा-संस्कृति संरक्षण, शराबबंदी और धार्मिक न्यास बोर्ड जैसे मुद्दों को लेकर भी सड़क पर उतरेंगे।

सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार

फिलहाल झारखंड सरकार की ओर से इस मुद्दे पर कोई ठोस बयान सामने नहीं आया है। लेकिन आंदोलन की बढ़ती तीव्रता को देखते हुए प्रशासन अलर्ट मोड में है और बंद के दौरान सुरक्षा
के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

यह झारखंड बंद राज्य में आदिवासी अस्मिता, संस्कृति और अधिकारों की रक्षा के लिए लगातार उठ रही आवाजों का प्रतीक बनता जा रहा है। आने वाले दिनों में यह आंदोलन किस दिशा में जाएगा, इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।

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