झारखंड में गुरुवार को बीजेपी नेता अनिल टाइगर की हत्या के विरोध में कुड़मी समाज ने व्यापक प्रदर्शन किया. इस दौरान पूरे राज्य में झारखंड बंद का आह्वान किया गया, जिसे सफल बताया जा रहा है. बंद के समर्थन में रांची समेत कई जिलों में दुकानें बंद रहीं और सड़कों पर वाहनों की आवाजाही ठप रही. कुड़मी समाज के लोगों ने बड़े पैमाने पर सड़क पर उतरकर विरोध जताया और प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग की.
झारखंड बंद का राज्यभर में असर
बीजेपी नेता अनिल टाइगर की सरेआम हत्या के बाद कुड़मी समाज ने इसे एक सुनियोजित साजिश बताया और विरोध में झारखंड बंद का ऐलान किया. गुरुवार को साहिबगंज से लेकर मनोहरपुर तक इस बंद का असर देखने को मिला. रांची, धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, हजारीबाग समेत अन्य जिलों में कुड़मी समाज के लोग सड़क पर उतरे और हत्या के खिलाफ आक्रोश प्रकट किया. कुड़मी समाज के केंद्रीय अध्यक्ष शीतल ओहदार ने कहा कि यह हत्या एक बहुत बड़ी साजिश का हिस्सा है और प्रशासन को इसे गंभीरता से लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि बंद पूरी तरह सफल रहा और समाज के लोगों ने एकजुट होकर न्याय की मांग की.
रांची में व्यापक प्रदर्शन, दुकानें बंद
राजधानी रांची में भी झारखंड बंद का व्यापक असर दिखा. कांके थाना क्षेत्र के कांके चौक, विकास चौक, नगड़ी, ओरमांझी, अनगड़ा, नामकुम, बुंडू, सोनहातू, राहे, सिल्ली, ठाकुरगांव और रवि स्टील पंडरा समेत कई इलाकों में बंद समर्थकों ने प्रदर्शन किया. इन क्षेत्रों में अधिकतर दुकानें बंद रहीं और सड़कों पर वाहन भी नहीं चले. प्रदर्शनकारियों ने जगह-जगह घूमकर दुकानदारों से प्रतिष्ठान बंद रखने का अनुरोध किया. इस दौरान बंद समर्थकों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते हुए अनिल टाइगर की हत्या की निष्पक्ष जांच की मांग की.
हत्या को बताया साजिश, प्रशासन पर उठाए सवाल
कुड़मी समाज के प्रमुख नेता शीतल ओहदार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि अनिल टाइगर की हत्या महज एक घटना नहीं, बल्कि एक बड़ी साजिश है. उन्होंने इस मामले में गिरफ्तार शूटर के बयान की कड़ी आलोचना की, जिसमें कहा गया था कि हत्या पूर्व की किसी घटना का बदला लेने के लिए की गई है. ओहदार ने साफ किया कि अनिल टाइगर का किसी भी आपराधिक गतिविधि से कोई नाता नहीं था. वे मृदुभाषी, नेकदिल और स्वच्छ छवि वाले नेता थे. उनकी हत्या कर उनकी छवि धूमिल करने की साजिश की जा रही है, जिसे कुड़मी समाज कतई बर्दाश्त नहीं करेगा. उन्होंने प्रशासन पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि रांची जिला प्रशासन इस मामले में भ्रामक जानकारी दे रहा है, जिससे लोगों का आक्रोश बढ़ रहा है. उन्होंने सरकार से मांग की कि इस हत्या की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए.
राज्यभर में प्रदर्शन, कई नेता रहे शामिल
झारखंड बंद को सफल बनाने में कुड़मी समाज के कई प्रमुख नेताओं की भूमिका रही. केंद्रीय अध्यक्ष शीतल ओहदार के नेतृत्व में राजेंद्र महतो, सखीचंद महतो, संजय लाल महतो, राजकुमार महतो, अनिल महतो, सोनालाल महतो, संदीप महतो, ओमप्रकाश महतो, रूपेश महतो, विराट महतो, अजय महतो, कमलेश ओहदार समेत सैकड़ों समाज के लोग सड़कों पर उतरे. उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से विरोध जताया और अनिल टाइगर को न्याय दिलाने की मांग की. बंद के दौरान जगह-जगह रैलियां निकाली गईं और सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग की गई.
हत्या की जांच में प्रशासन की कार्रवाई
गौरतलब है कि रांची के कांके थाना क्षेत्र में बुधवार (26 मार्च 2025) की दोपहर बीजेपी नेता अनिल टाइगर की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस घटना के तुरंत बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक शूटर को गिरफ्तार किया है. हालांकि, इस हत्याकांड के पीछे कौन है और क्या मकसद था, इस पर अभी तक स्पष्टता नहीं आ सकी है. कुड़मी समाज के लोग मांग कर रहे हैं कि इस हत्या की सीबीआई जांच कराई जाए ताकि सच्चाई सामने आ सके. इसके अलावा, समाज के नेताओं ने यह भी चेतावनी दी कि अगर जल्द से जल्द न्याय नहीं मिला तो वे आगे भी बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे.