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झारखंड विधानसभा मानसून सत्र: पहले दिन की कार्यवाही और आगे की योजना…

झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो चुका है. पहले दिन की कार्यवाही के बाद सदन की बैठक 29 जुलाई तक स्थगित कर दी गई है. इस सत्र में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता और विधायक शामिल हुए. गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्रनाथ महतो ने सर्वदलीय बैठक आयोजित की, जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, संसदीय कार्यमंत्री रामेश्वर उरांव, और अन्य प्रमुख नेता उपस्थित थे.

पहले दिन की कार्यवाही:

सत्र की शुरुआत में ही भाजपा विधायकों ने विभिन्न मुद्दों पर सदन के बाहर प्रदर्शन किया. उन्होंने राज्य सरकार पर कई आरोप लगाए और विकास कार्यों में विफलता की बात कही.

सर्वदलीय बैठक:

सत्र को सफल बनाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया, जिसमें सभी दलों के नेताओं ने भाग लिया. बैठक में वित्तीय वर्ष 2024-25 के अनुपूरक बजट के प्रस्तुतीकरण और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई.

विपक्ष और सत्तापक्ष का टकराव:

इस सत्र में विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच टकराव के आसार बने हुए हैं. भाजपा और अन्य विपक्षी दलों ने सरकार को घेरने की योजना बनाई है. दूसरी ओर, सत्तापक्ष भी आक्रामक रवैया अपनाने की तैयारी में है.

महत्वपूर्ण मुद्दे:

विधानसभा सत्र के दौरान, विस्थापन और सुखाड़ जैसे समसामयिक मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी. अनुपूरक बजट के बाद इन विषयों पर गहन विचार-विमर्श किया जाएगा.

मुख्यमंत्री का बयान:

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सदन में सवाल-जवाब दोनों का सामना करने के लिए सरकार तैयार है. उन्होंने विपक्ष को चुनौती दी कि वे सरकार को बांधने के लिए रस्सी लेकर आएं.

अध्यक्ष की अपील:

विधानसभा अध्यक्ष ने सभी सदस्यों से सदन की कार्यवाही में सक्रिय भागीदारी की अपील की. उन्होंने कहा कि जनता की समस्याओं का समाधान पक्ष और विपक्ष दोनों की जिम्मेदारी है.

अगले सत्र की तैयारी:

29 जुलाई को होने वाले सत्र में झारखंड का अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा. इसके बाद सदन की कार्यवाही आगे बढ़ाई जाएगी.

राजनीतिक तनाव और विरोध प्रदर्शन

पहले दिन की कार्यवाही के दौरान भाजपा विधायकों ने राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने राज्य में विकास कार्यों में देरी और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर सरकार को आड़े हाथों लिया. भाजपा विधायकों का कहना था कि सरकार जनता की समस्याओं को हल करने में नाकाम रही है.

सत्तापक्ष की रणनीति

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विपक्ष की आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि सरकार अपने कार्यों के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि विपक्ष के आरोप निराधार हैं और सरकार सभी मुद्दों का समाधान करने के लिए तैयार है. मुख्यमंत्री ने विपक्ष को चुनौती दी कि वे तथ्यों के आधार पर बात करें और राजनीति से ऊपर उठकर राज्य के विकास में सहयोग करें.

वित्तीय मुद्दों पर चर्चा

वित्तीय वर्ष 2024-25 के अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान, कई विधायकों ने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए अधिक धन आवंटित करने की मांग की. उन्होंने कहा कि राज्य के ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की कमी है और इन क्षेत्रों में सरकार को विशेष ध्यान देने की जरूरत है.

सामाजिक मुद्दों पर बहस

सत्र के दौरान विस्थापन और सुखाड़ जैसे मुद्दों पर भी गहन चर्चा हुई. कई विधायकों ने इन समस्याओं के समाधान के लिए सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की.  उन्होंने कहा कि राज्य के कई हिस्सों में लोग विस्थापन और सुखाड़ की समस्याओं से जूझ रहे हैं और सरकार को इनके समाधान के लिए विशेष योजनाएं बनानी चाहिए.

सर्वदलीय बैठक का महत्व

विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्रनाथ महतो ने सर्वदलीय बैठक में सभी दलों से सहयोग की अपील की. उन्होंने कहा कि सत्र की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी दलों का सहयोग आवश्यक है. अध्यक्ष ने कहा कि सदन में उठने वाले मुद्दों पर सभी दलों को मिलकर काम करना चाहिए ताकि जनता की समस्याओं का समाधान हो सके.

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