झारखंड में आगामी विधानसभा चुनाव 2024 में भाजपा और आजसू के गठबंधन के बाद एनडीए और ‘इंडिया’ गठबंधन के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है. इस बार का चुनाव 2019 के विधानसभा चुनाव से काफी अलग होने वाला है. 2019 में जहां तत्कालीन महागठबंधन (वर्तमान में ‘इंडिया’ गठबंधन) ने बढ़त बनाई थी, वहीं इस बार एनडीए के साथ मिलकर भाजपा और आजसू के एकजुट होने से मुकाबला रोमांचक हो गया है. एक प्रमुख बदलाव झामुमो नेता और पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के भाजपा में शामिल होने से कोल्हान क्षेत्र में हुआ है, जिससे वहां की स्थिति अब 2019 जैसी नहीं रही. इसके मद्देनज़र नवंबर-दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में राज्य की 10 विधानसभा सीटों पर एनडीए और ‘इंडिया’ गठबंधन के बीच कड़ा संघर्ष देखने को मिल सकता है.
इन विधानसभा सीटों पर होगा कड़ा मुकाबला
झारखंड की जिन 10 विधानसभा सीटों पर कड़ा मुकाबला होने की संभावना है, वे हैं: बड़कागांव, डुमरी, ईचागढ़, गांडेय, घाटशिला, जुगसलाई, खिजरी, मधुपुर, नाला, और चक्रधरपुर. ये वे सीटें हैं जहां 2019 में तत्कालीन महागठबंधन ने जीत हासिल की थी. इसके अतिरिक्त, मांडु, मनोहरपुर, टुंडी, मांडर, और जगन्नाथपुर ऐसी सीटें हैं, जहां मौजूदा राजनीतिक परिस्थिति के कारण एनडीए और ‘इंडिया’ गठबंधन के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है. 2019 के विधानसभा चुनाव में, भाजपा और आजसू ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था, जिससे उनके वोट बंट गए थे और महागठबंधन (वर्तमान में ‘इंडिया’ गठबंधन) को लाभ हुआ था. लेकिन अब, दोनों दलों के एकजुट होने से वोटों का एकीकरण एनडीए के पक्ष में हो सकता है, जिससे चुनावी मुकाबला और अधिक कड़ा हो गया है.
विधानसभा सीटों का वोट गणित
- बड़कागांव विधानसभा: 2019 के चुनाव में कांग्रेस ने यह सीट जीती थी, लेकिन अब एनडीए के मजबूत होते ही यहां कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है.
- डुमरी विधानसभा: 2019 में झामुमो की सीट रही थी, जहां एनडीए का मुकाबला तीव्र रहेगा. भाजपा और आजसू के संयुक्त वोट 98,862 हैं, जबकि झामुमो को 99,109 वोट मिले थे.
- जुगसलाई विधानसभा: झामुमो ने यहां 88,581 वोटों से जीत हासिल की थी, लेकिन एनडीए के संयुक्त वोट (113,426) अब ‘इंडिया’ गठबंधन को कड़ी टक्कर दे सकते हैं.
- खिजरी विधानसभा: कांग्रेस की सीट थी, जहां उसे 83,829 वोट मिले थे. एनडीए ने 107,451 वोट पाकर बड़ी बढ़त बनाई थी. भाजपा को 78,360 और आजसू को 29,091 वोट मिले थे.
- ईचागढ़ विधानसभा: झामुमो ने 57,546 वोट पाकर यह सीट जीती थी, जबकि एनडीए ने 77,321 वोट प्राप्त किए थे. भाजपा और आजसू ने क्रमशः 38,485 और 38,836 वोट हासिल किए थे.
- मधुपुर विधानसभा: झामुमो ने यहां 88,115 वोट से जीत दर्ज की थी. एनडीए का वोट टैली 110,666 थी, जिसमें भाजपा के 65,046 और आजसू के 45,620 वोट शामिल थे.
- गांडेय विधानसभा: झामुमो ने 65,023 वोट के साथ सीट जीती थी. एनडीए को 71,529 वोट मिले थे, जिसमें भाजपा के 31,761 और आजसू के 36,013 वोट थे.
- चक्रधरपुर विधानसभा: एनडीए ने 63,531 वोट प्राप्त किए थे, जबकि झामुमो को 61,356 वोट मिले थे. भाजपा और आजसू ने क्रमशः 56,807 और 15,361 वोट हासिल किए थे.
- नाला विधानसभा: झामुमो ने 71,529 वोट के साथ यह सीट जीती थी, जबकि एनडीए को 88,717 वोट मिले थे, जिसमें भाजपा के 57,836 और आजसू के 31,910 वोट थे.
- घाटशिला विधानसभा: झामुमो ने यहां 48,830 वोट के साथ जीत हासिल की थी. एनडीए ने 74,614 वोट पाकर बड़ी बढ़त बनाई थी. भाजपा को 56,168 और आजसू को 17,232 वोट मिले थे.
जेबीकेकेएस फैक्टर और नए समीकरण
लोकसभा चुनाव 2024 में शानदार प्रदर्शन करने वाले निर्दलीय प्रत्याशी जयराम महतो भी विधानसभा चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. गिरिडीह लोकसभा में जयराम महतो तीसरे स्थान पर थे, उन्हें तीन लाख चालीस हजार वोट मिले थे. कुर्मी समाज से आने वाले जयराम महतो की इस समुदाय में मजबूत पकड़ है. वहीं, आजसू का भी मजबूत वोट बैंक कुर्मी समाज पर है. इसके अलावा राज्य के युवाओं पर भी जयराम महतो की पार्टी जेबीकेकेएस और आजसू की पकड़ है. अगर जेबीकेकेएस का फैक्टर विधानसभा चुनाव में भी चला, तो ‘इंडिया’ गठबंधन को नुकसान हो सकता है और एनडीए की स्थिति मजबूत हो सकती है.