झारखंड विधानसभा बजट सत्र: तैयारियों में तेजी, राजनीतिक दलों ने तेज की रणनीति….

झारखंड विधानसभा का बजट सत्र 24 फरवरी से शुरू होने जा रहा है, जिसे लेकर राजनीतिक दलों और विधानसभा सचिवालय ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने सत्र के सुचारू संचालन के लिए अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर कई निर्देश दिए हैं. इसमें विधानसभा परिसर की सुरक्षा बढ़ाने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने और निगरानी बढ़ाने की बात कही गई है. साथ ही, सदन में उठाए जाने वाले सवालों के समय पर जवाब उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं. अब स्पीकर 21 फरवरी को सर्वदलीय बैठक करेंगे, जिसमें सभी दलों के विधायक दल के नेताओं को आमंत्रित किया गया है. इस बैठक का उद्देश्य बजट सत्र के दौरान सदन को सुचारू रूप से चलाने और विपक्ष एवं सत्ताधारी दलों के बीच सामंजस्य स्थापित करना है.

राजद की बैठक 23 फरवरी को

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने बजट सत्र को लेकर 23 फरवरी को बैठक बुलाई है. यह बैठक पार्टी के प्रदेश कार्यालय में होगी, जिसकी अध्यक्षता विधायक दल के नेता सुरेश पासवान करेंगे. इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष सह विधायक संजय सिंह यादव, मंत्री संजय प्रसाद यादव और विधायक नरेश सिंह भी मौजूद रहेंगे. बैठक में बजट सत्र के लिए राजद की रणनीति तय की जाएगी.

भाजपा और झामुमो की बैठक की तिथि तय नहीं

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने अब तक अपने विधायक दल की बैठक की तिथि घोषित नहीं की है. हालांकि, माना जा रहा है कि बजट सत्र से पहले दोनों दल अपनी-अपनी बैठक जरूर करेंगे. झामुमो की ओर से विधायक दल के नेता और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सत्ता पक्ष के विधायकों की संयुक्त बैठक बुला सकते हैं. इस बैठक में कांग्रेस, राजद और सत्ता का समर्थन कर रहे भाकपा (माले) के विधायक भी शामिल हो सकते हैं.

कांग्रेस की बैठक 23 फरवरी को

झारखंड में सत्ताधारी गठबंधन में शामिल कांग्रेस ने भी अपने विधायकों की बैठक 23 फरवरी को बुलाई है. यह बैठक रांची के सर्किट हाउस में होगी, जो सुबह 11:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक चलेगी. कांग्रेस प्रदेश मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा ने जानकारी दी कि इस बैठक में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी के. राजू भी शामिल होंगे. कांग्रेस बजट सत्र के दौरान सरकार के समर्थन में अपनी भूमिका और रणनीति तय करेगी.

भाजपा में नेतृत्व पर अनिश्चितता

भाजपा ने अब तक अपने विधायक दल का नेता और मुख्य सचेतक तय नहीं किया है. ऐसे में विधानसभा सचिवालय के लिए यह तय करना चुनौतीपूर्ण होगा कि सर्वदलीय बैठक में भाजपा का प्रतिनिधित्व कौन करेगा. परंपरा के अनुसार, यदि किसी दल का विधायक दल का नेता तय नहीं होता है, तो स्पीकर अपने विवेक से उस दल के वरिष्ठ विधायक को आमंत्रित कर सकते हैं. अगर भाजपा बजट सत्र से पहले विधायक दल के नेता की घोषणा कर देती है, तो यह समस्या स्वतः समाप्त हो जाएगी. लेकिन फिलहाल, भाजपा में नेतृत्व को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है. पार्टी की ओर से न केवल विधायक दल के नेता, बल्कि मुख्य सचेतक या सचेतक की जिम्मेदारी भी किसी को नहीं सौंपी गई है.

सुरक्षा और प्रशासनिक तैयारियां

बजट सत्र को देखते हुए विधानसभा सचिवालय ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी कई कदम उठाए हैं. विधानसभा परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं और सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई जा रही है. इसके अलावा, सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे विधायकों द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब समय पर उपलब्ध कराएं.

सत्ता पक्ष और विपक्ष की रणनीति

बजट सत्र के दौरान सत्ता पक्ष जहां अपनी नीतियों को मजबूती से प्रस्तुत करेगा, वहीं विपक्ष सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने की तैयारी में है. कांग्रेस, राजद और झामुमो अपनी संयुक्त रणनीति तैयार कर रहे हैं, जबकि भाजपा अभी भी नेतृत्व की स्थिति स्पष्ट करने में जुटी हुई है.

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