झारखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र बुद्धवार को काफी हंगामेदार रहा. सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बावजूद, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायकों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, जिसके चलते उन्हें मार्शल द्वारा सदन से बाहर निकालना पड़ा.
नारेबाजी और हंगामा
मॉनसून सत्र के दौरान विपक्षी दलों ने कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश की. जैसे ही सत्र शुरू हुआ, BJP के विधायकों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर गंभीर आरोप लगाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी. विपक्षी विधायक भ्रष्टाचार और प्रशासनिक विफलताओं को लेकर सरकार की आलोचना कर रहे थे.
विधानसभा स्थगन
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा बढ़ता गया. विधानसभा अध्यक्ष ने कई बार विधायकों को शांत कराने की कोशिश की, लेकिन हंगामा जारी रहा. इसके बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया. हालांकि, इसके बावजूद विपक्षी विधायकों का प्रदर्शन जारी रहा.
मार्शल की कार्रवाई
जब हंगामा और नारेबाजी थमने का नाम नहीं ले रही थी, तो विधानसभा अध्यक्ष ने मार्शल को हस्तक्षेप करने के निर्देश दिए. मार्शल ने BJP विधायकों को सदन से बाहर निकाल दिया। यह कदम तब उठाया गया जब स्थिति नियंत्रण से बाहर होती दिखी.
हेमंत सोरेन पर आरोप
BJP विधायकों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था में विफलता और जनता के मुद्दों की अनदेखी के गंभीर आरोप लगाए. उनका कहना था कि राज्य सरकार विकास कार्यों में असफल हो रही है और जनता की समस्याओं को सुलझाने में विफल रही है.
सरकार का पक्ष
सरकार की ओर से कहा गया कि विपक्षी दल केवल राजनीतिक फायदे के लिए इस तरह का हंगामा कर रहे हैं. सरकार ने अपने बचाव में कहा कि वे राज्य के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं और विपक्ष का हंगामा केवल एक राजनीतिक स्टंट है.
विपक्ष का आक्रोश
विपक्षी दलों का कहना है कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार केवल दिखावटी काम कर रही है और वास्तविक मुद्दों को हल करने में असमर्थ है. विपक्ष ने सरकार से जवाबदेही की मांग की और कहा कि वे जनता के हित में लड़ाई जारी रखेंगे.
स्थगन के बावजूद प्रदर्शन
हालांकि सदन स्थगित कर दिया गया था, लेकिन विपक्षी विधायकों ने अपने प्रदर्शन को जारी रखा. वे सदन के बाहर भी नारेबाजी करते रहे और सरकार के खिलाफ अपने विरोध को प्रदर्शित करते रहे.
सरकार और विपक्ष के बीच टकराव
झारखंड विधानसभा का यह मॉनसून सत्र सरकार और विपक्ष के बीच गंभीर टकराव का गवाह बना. विपक्षी दलों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे सरकार की हर विफलता को उजागर करने के लिए तैयार हैं. वहीं, सरकार ने विपक्ष के आरोपों को निराधार बताते हुए विकास कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाने का आश्वासन दिया.
भविष्य की रणनीति
इस हंगामेदार सत्र के बाद, राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है. विपक्षी दलों ने साफ कर दिया है कि वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगे. वहीं, सरकार ने भी संकेत दिए हैं कि वे विपक्ष के हर हमले का जवाब देंगे और अपने विकास कार्यों को जनता के सामने रखेंगे.