झारखण्ड में होने वाली मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा के अगले साल के प्रश्न पत्र में बड़े बदलाव किये जाएंगे। इसके तहत अब प्रश्नो में ऑब्जेक्टिव प्रश्नो की संख्या बढ़ाई जाएगी, साथ ही सब्जेक्टिव प्रश्नो में विद्यार्थियों को अधिक विकल्प मिल सकेगा। स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग सीबीएसई के साथ-साथ दूसरे राज्य जैसे ओडिशा और राजस्थान के बोर्ड द्वारा अपनाए गए मापदंड का अध्ययन कर रहा है। इसके साथ ही, उसकी तुलना झारखण्ड के जैक बोर्ड में पूछे जाने वाले प्रश्न पत्र से किया जा रहा है। हालांकि, प्रश्न पात्र में बदलाव का अंतिम फैसला इस महीने के अंत में लिया जा सकता है। मैट्रिक और इंटरमीडिएट 2021 की परीक्षाएं मार्च में होंगी।
इसके लिए राज्य सरकार ने 40% सिलेबस को हटा दिया है। अब 60% सिलेबस से ही प्रश्न पूछे जाएंगे। हर विषय के 60% सिलेबस से ही पूछे जाने वाले सवालों का जवाब छात्र आसानी से दे सकेंगे, जिसके बाद उनका रिजल्ट भी प्रभावित नहीं होगा। जेसीईआरटी निदेशक डॉ शैलेश चौरसिया के मताबिक सीबीएसई का परीक्षा पैटर्न और मार्किंग पैटर्न आसान होता है। उसका अध्ययन किया जा रहा है। अन्य राज्यों के परीक्षा पैटर्न की भी जानकारी ली जा रही है। इसके बाद निर्णय लिया जाएगा कि परीक्षा पैटर्न या मार्किंग पैटर्न में क्या बदलाव हो।
मैट्रिक और इंटरमीडिएट के विद्यार्थियों के लिए दिसंबर में मॉडल प्रश्न पत्र जारी किया जाएगा, जिसमे अगले साल हो रहे मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा के प्रश्न पत्र के बदलाव शामिल होंगे। साथ ही, बदले गए प्रश्न पत्र की जानकारी भी दी जाएगी। मॉडल प्रश्न पत्र के साथ-साथ सवालों के जवाबों को भी उपलब्ध कराया जाएगा। बहुत जल्द इन मॉडल प्रश्न पात्र की तैयारियों को पूरा किया जाएगा ताकि बच्चे अपनी परीक्षा की तैयारी नए पैटर्न के अनुसार कर सकें।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए बच्चे मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा बिना स्कूल आए दे सकेंगे। राज्य के स्कूल माहामारी के चलते अभी बंद हैं, और आगे भी सुरक्षा के कारण बंद रहने की ही संभावना है।