झारखंड का नकली निवास प्रमाण पत्र बना कर यहाँ के मेडिकल एवं दन्त विश्वविद्यालयों के सीटों पर कब्ज़ा करने की होड़ में लगे बिहार एवं अन्य राज्यों के अभियर्थियों के ख़िलाफ़ विधिवत कार्यवाई की जाएगी। Jharkhand Updates की नवंबर 24, 2020 की रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए झारखण्ड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद (JCECEB) ने बुधवार को नाटोफिकेशन जारी कर कार्यवाई की बात कही है।
Jharkhand Updates की नवंबर 24, 2020 की रिपोर्ट https://twitter.com/JhUpdate/status/1331231726266327040?s=09
बता दें की Jharkhand Updates ने इस विषय पर सबसे पहले नवंबर 24, 2020 को रिपोर्ट किया था जिसमें बताया गया था की कैसे राज्य के मेडिकल कॉलेजों में बिहार एवं दूसरे राज्य के अभ्यर्थी नकली डोमिसाइल के जरिये झारखंड के फाइनल स्टेट मेरिट लिस्ट में जगह बना कर यहाँ के छात्रों के लिए निर्धारित राज्य कोटे की सीटों पर कब्ज़ा कर रहे हैं।
जेसीइसीइबी ने इसे गंभीरता से लेते हुए उप-परीक्षा नियंत्रक रंजीता हेम्ब्रम की ओर से जारी नोटिफिकेशन में स्पष्ट किया है कि ‘झारखंड राज्य कोटे की मेडिकल सीटों पर नामांकन की पात्रता केवल झारखंड के निवासियों की ही है।’
नकली डोमिसाइल के जरिये झारखण्ड के फाइनल मेरिट लिस्ट में नामांकित अभियर्थियों और अभिभावकों को पर्षद ने स्पष्ट किया है कि ‘अन्य राज्य का अभ्यर्थी अगर झारखंड राज्य की सीटों पर नामांकन हासिल कर लेते हैं, तो पर्षद की ओर से उनके खिलाफ विधिवत कार्रवाई की जायेगी।’
क्या है मामला?
Jharkhand Updates ने नवंबर 24, 2020 को रिपोर्ट किया था की कैसे UG-NEET -2020 में सफल अभ्यर्थियों की काउंसेलिंग के लिए जेसीइसीइबी द्वारा जारी किये गए फाइनल स्टेट मेरिट लिस्ट में ऐसे अभियर्थियों का भी नाम है जिनका नाम बिहार की मेरिट सूची में भी हैं। इस काउंसेलिंग के जरिये मेरिट लिस्ट में शामिल अभ्यर्थियों को राज्य के मेडिकल कॉलेजों में दाखिला दिया जाना था।
इस लिस्ट में Jharkhand Updates ने 40-50 ऐसे छात्र चिह्नित किये थे, जिनके नाम झारखंड फाइनल स्टेट मेरिट सूची में होने के साथ-साथ बिहार की मेरिट सूची में भी थे। ऐसे विद्यार्थी और अभिभावक दोहरे डोमिसाइल का इस्तेमाल कर राज्य की मेडिकल सीटों पर नामांकन करा रहे थे। NEET में राज्य कोटे के तहत झारखंड में लगभग 300 मेडिकल सीटें हैं।