जमशेदपुर के केएमपीएम कॉलेज के छात्र रहे भरत जीत महतो ने पीपल के पत्तों पर देश के 12 स्मारकों के चित्र उकेर कर एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया है। इसके के लिए उन्हें अवॉर्ड से नवाजा गया है। यह खिताब पाने वाले वे झारखंड व बिहार के पहले लीफ आर्टिस्ट हैैं। उन्होंने बताया कि एक आर्ट बनाने में एक घंटे का समय लगता है। भरत जीत जमशेदपुर से सटे चांडिल के रहने वाले हैं। उनकी स्कूलिंग सरस्वती विद्या मंदिर से हुई है। जीत अभी सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं। कई भारतीय कलाकारों के चेहरे को भी उन्होंने पीपल के पत्तों पर उकेरा है।
उन्होंने कहा की पिछले लॉकडाउन में फुर्सत के क्षणों में यू-ट्यूब से लीफ आर्ट बनाना सीखा। एक दिन आर्ट बनाते समय एक वीडियो सोशल मीडिया पर देखा। तब सीखने की ललक जगी और नियमित प्रैक्टिस शुरू कर दी। सिर्फ चार माह में लीफ आर्ट में महारत हासिल कर ली। जीत ने कहा- लीफ आर्ट केरल में ज्यादा प्रचलित है। सोशल मीडिया से वहां के कलाकारों से संपर्क कर पत्तों पर आर्ट बनाना सीखा। इसमें चार माह लगे। 12 स्मारक के पत्ते पर बनी कलाकृति के रिकॉर्ड को एशिया बुक में दर्ज कराया। मैं एक घंटे में दुनिया के किसी भी चेहरे या कलाकृति को पत्तों में बना सकता हूं। पत्तों को ब्लेड से काटकर कलाकृति बनाई जाती है।
इन स्मारकों को पत्तों पर उकेरा
ताजमहल (आगरा), आंबेरफोर्ट (जयपुर), इंडिया गेट (दिल्ली), चार मीनार (हैदराबाद), मैसूर पैलेस (मैसूर), गेट वे ऑफ इंडिया (दिल्ली), रेड फोर्ट (दिल्ली), अमर जवान ज्योति (दिल्ली), लोटस टेंपल (दिल्ली), बीबी का मकबरा (औरंगाबाद), कुतुब मीनार (दिल्ली) बनाया है।