जमशेदपुर: “प्राची सर्वप्रिया” की रसायन मुक्त मुहिम, ऑर्गेनिक उत्पादों से गरीबों को बना रहीं आत्मनिर्भर….

जमशेदपुर के मानगो डिमना की रहने वाली प्राची सर्वप्रिया ने एक नई पहल शुरू की है, जिसका उद्देश्य लोगों को केमिकल युक्त सामग्री से बचाना और आर्गेनिक प्रोडक्ट्स को बढ़ावा देना है. प्राची ने अपनी इस मुहिम के तहत गरीबों को ऑर्गेनिक सामग्री बनाने का प्रशिक्षण देना शुरू किया है, जिससे न केवल उन्हें एक नई दिशा मिल रही है बल्कि उनके जीवन स्तर में भी सुधार हो रहा है.

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

प्राची सर्वप्रिया ने बीकॉम की पढ़ाई की है। पढ़ाई के दौरान ही उन्हें आयुर्वेद और प्रकृति के संसाधनों के प्रति गहरी रुचि हो गई थी. हालांकि उनके माता-पिता का दबाव था कि वे एक स्थिर नौकरी करें, लेकिन उनका रुझान शुरू से ही आयुर्वेद, प्रकृति संसाधनों और कलात्मक उत्पादों की ओर था. उन्होंने अपने इस शौक को जीवन का उद्देश्य बनाने का निर्णय लिया और एक ऐसी मुहिम शुरू की जो आज कई लोगों के जीवन में बदलाव ला रही है.

स्वदेशी और रसायन मुक्त उत्पादों की मुहिम

प्राची ने “स्वदेशी अपनाओ, देश बचाओ” और “रसायन मुक्त अभियान” जैसी मुहिमों को बढ़ावा देना शुरू किया. इस मुहिम का मुख्य उद्देश्य शुद्ध सात्विक, रसायन मुक्त, प्लास्टिक मुक्त, और चमड़ा मुक्त उत्पादों को बढ़ावा देना है. इसके तहत उन्होंने लोगों को जागरूक करने का काम शुरू किया और धीरे-धीरे इस अभियान से कई लोग जुड़ गए.

गरीबों के जीवन में बदलाव

प्राची का मानना है कि सही तकनीक और विधि के साथ ऑर्गेनिक उत्पाद बनाने से गरीबों के हाथों में न केवल एक हुनर आता है, बल्कि उनकी आय भी बढ़ सकती है. इस उद्देश्य के साथ उन्होंने गरीबों को ऑर्गेनिक सामग्री बनाने का प्रशिक्षण देना शुरू किया. वे गरीब तबके के लोगों को सही विधि से उत्पाद बनाने की जानकारी देती हैं, जिससे वे स्वदेशी और प्रदूषण मुक्त सामग्री का उत्पादन कर सकें. इसके अलावा, इन उत्पादों को लोगों तक पहुंचाने के लिए उन्हें स्टॉल और मंच प्रदान करने का भी काम किया जा रहा है.

वैदिक संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण

प्राची केवल रसायन मुक्त उत्पादों तक सीमित नहीं हैं, वे वैदिक संस्कृति को भी बढ़ावा देने की कोशिश कर रही हैं. उनका मानना है कि दवा मुक्त जीवन, वैदिक पद्धतियों और स्वदेशी उत्पादों के माध्यम से लोग न केवल स्वस्थ जीवन जी सकते हैं, बल्कि पर्यावरण को भी सुरक्षित रख सकते हैं. उन्होंने प्लास्टिक मुक्त, चमड़ा मुक्त और प्रदूषण मुक्त अभियान को भी इस मुहिम का हिस्सा बनाया है.

मेले और ट्रेड फेयर में स्टॉल

प्राची ने अपने अभियान को आगे बढ़ाने के लिए शहरों में लगने वाले मेलों में स्टॉल लगाना शुरू किया. जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित ट्रेड फेयर में भी उन्होंने एक स्टॉल लगाया था, जहां पर उनके उत्पादों की अच्छी मांग रही. ऐसे मेलों और फेयर्स के माध्यम से न केवल उनके उत्पाद लोगों तक पहुंचे, बल्कि इससे गरीबों को भी कारोबार के नए रास्ते मिले. प्राची का मानना है कि इससे उनके उत्पादों को एक मंच मिला और गरीबों को आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद मिली.

लोगों में जागरूकता फैलाना

प्राची की इस मुहिम का एक महत्वपूर्ण पहलू है लोगों को जागरूक करना. वे रोजमर्रा के खानपान में केमिकल की मिलावट से होने वाले नुकसान के बारे में लोगों को जागरूक करती हैं. इसके अलावा, वे इस बात पर भी जोर देती हैं कि स्वदेशी और आर्गेनिक उत्पादों का उपयोग स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए कितना महत्वपूर्ण है. प्राची का उद्देश्य लोगों को यह समझाना है कि रसायन युक्त उत्पादों से बचने और स्वदेशी उत्पादों को अपनाने से न केवल हमारा स्वास्थ्य बेहतर होगा, बल्कि इससे हम पर्यावरण को भी सुरक्षित रख सकेंगे.

प्राची की प्रेरणा

प्राची सर्वप्रिया का यह सफर आसान नहीं था, लेकिन उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और समाज के लिए कुछ करने की चाह ने उन्हें इस दिशा में आगे बढ़ाया. उन्होंने अपने अभियान से यह साबित किया है कि अगर सही दिशा में काम किया जाए, तो छोटे-छोटे प्रयास भी बड़े बदलाव ला सकते हैं. उनके इस अभियान से न केवल गरीबों को एक नई दिशा मिली है, बल्कि समाज में भी एक सकारात्मक बदलाव की लहर दौड़ी है.

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