जमशेदपुर, 3 मार्च 2025: टाटा स्टील के संस्थापक और महान उद्योगपति जमशेदजी नसरवानजी टाटा की 186वीं जयंती पर पूरे जमशेदपुर शहर में भव्य आयोजन किए जा रहे हैं। तीन दिवसीय इस उत्सव के दौरान शहर के प्रमुख पार्कों, चौकों और चौराहों को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया है। जुबली पार्क इस मौके पर आकर्षण का मुख्य केंद्र बना हुआ है, जहां विशेष लाइटिंग की व्यवस्था की गई है।
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शहरभर में जगमगाहट का नजारा
इस खास अवसर पर जमशेदपुर के 20 से अधिक प्रमुख स्थानों, इमारतों और गोलचक्करों को विद्युत सज्जा से सुसज्जित किया गया है। जुबली पार्क, टाटा स्टील गेट, बिष्टुपुर, साकची गोलचक्कर सहित शहर के कई महत्वपूर्ण स्थानों को रंगीन रोशनी से सजाया गया है, जो पर्यटकों और स्थानीय निवासियों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। सड़कों के दोनों ओर भी भव्य लाइटिंग की गई है, जिससे पूरा शहर एक रोशनी के उत्सव में तब्दील हो गया है।
पड़ोसी राज्यों से उमड़ा जनसैलाब
इस कार्यक्रम को देखने के लिए न केवल जमशेदपुर और झारखंड के लोग आते हैं, बल्कि पड़ोसी राज्यों बिहार, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा से भी भारी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचते हैं। जुबली पार्क की विशेष लाइटिंग और शहर की भव्य सजावट लोगों को आकर्षित कर रही है।
विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन
टाटा स्टील और जमशेदपुर नगर प्रशासन के सहयोग से इस मौके पर कई सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। टाटा वर्कर्स यूनियन और विभिन्न संगठनों द्वारा प्रदर्शनी, संगोष्ठी और प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया है। इसके अलावा, स्कूल और कॉलेजों में भी विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें जमशेदजी टाटा के योगदान पर परिचर्चा हो रही है।
जमशेदजी टाटा का योगदान
जमशेदजी टाटा को भारतीय उद्योग जगत का पितामह कहा जाता है। उन्होंने 1907 में टाटा स्टील की स्थापना की, जो आज देश की सबसे प्रतिष्ठित कंपनियों में से एक है। उन्होंने अपने विजन और सोच से भारत को औद्योगिक क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। जमशेदजी टाटा की जयंती के इस विशेष अवसर पर जमशेदपुर शहर भव्य सजावट और रोशनी से जगमगा रहा है। इस आयोजन से न केवल स्थानीय लोग, बल्कि बाहरी राज्यों से आए पर्यटक भी आनंद उठा रहे हैं। यह अवसर टाटा समूह के योगदान को याद करने और उनके द्वारा दिखाए गए औद्योगिक विकास के मार्ग पर आगे बढ़ने का संकल्प लेने का भी है।