झारखंड की संभावनाओं पर चिंतन जरूरी”: विनोबा भावे विवि के 33वें स्थापना दिवस पर बोले राज्यपाल….

हजारीबाग में स्थित विनोबा भावे विश्वविद्यालय का 33वां स्थापना दिवस 17 सितंबर 2024 को धूमधाम से मनाया गया. इस अवसर पर विश्वविद्यालय के छात्रों, शिक्षकों, प्रशासनिक अधिकारियों और गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति रही. मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड के राज्यपाल श्री संतोष गंगवार ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया और विश्वविद्यालय के विकास, झारखंड राज्य की संभावनाओं और शिक्षा के भविष्य पर अपने विचार व्यक्त किए.

विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर राज्यपाल की सराहना

राज्यपाल श्री गंगवार ने अपने भाषण में कहा कि विनोबा भावे विश्वविद्यालय ने अपनी स्थापना से लेकर अब तक अनेक महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं. उन्होंने कहा, “यह दिन सिर्फ विश्वविद्यालय के बीते सफर को याद करने का नहीं है, बल्कि भविष्य में आने वाली चुनौतियों और अवसरों पर विचार करने का भी अवसर है.  “राज्यपाल ने झारखंड राज्य को “अपार संभावनाओं वाला प्रदेश” बताते हुए कहा कि यह समय है कि हम इस राज्य को आगे कैसे ले जाएं, इस पर गहन चिंतन करें. उन्होंने सभी छात्रों, शिक्षकों और प्रशासनिक कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि किसी भी संस्थान का स्थापना दिवस सिर्फ उत्सव मनाने का अवसर नहीं होता, बल्कि यह आत्म-निरीक्षण और आत्म-मूल्यांकन का समय होता है. “हमें यह विचार करना चाहिए कि हमने अब तक जो लक्ष्य निर्धारित किए थे, उनमें कहां तक सफल हुए हैं और किन क्षेत्रों में और प्रयास करने की आवश्यकता है,” उन्होंने कहा.

विश्वविद्यालय की प्रमुख उपलब्धियां

इस अवसर पर प्रमंडलीय आयुक्त सुमन कैथरीन किस्पोट्टा ने भी अपने विचार रखे. उन्होंने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय ने अपने स्थापना काल से लेकर आज तक कई महत्वपूर्ण मील के पत्थर हासिल किए हैं, लेकिन अभी भी बहुत से कार्य अधूरे हैं और रास्ता लंबा है. उन्होंने कहा, “17 सितंबर हमारे विश्वविद्यालय के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है. यह हमें हमारी उपलब्धियों पर गर्व करने और भविष्य की योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर प्रदान करता है”. एक बड़ी उपलब्धि के रूप में, विनोबा भावे विश्वविद्यालय ने नैक (NAAC – राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) के दूसरे चक्र का मूल्यांकन और प्रत्यायन सफलतापूर्वक पूरा किया, जिससे यह झारखंड का पहला विश्वविद्यालय बना जिसने इस महत्वपूर्ण मान्यता को प्राप्त किया. इस प्रक्रिया में सभी शिक्षकों और कर्मियों के परिश्रम और प्रतिबद्धता की महत्वपूर्ण भूमिका रही. विश्वविद्यालय को हाल ही में लगभग 100 करोड़ की राशि प्राप्त हुई, जिससे इसे मल्टी-डिसीप्लिनरी एजुकेशन एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी (MERU) का दर्जा दिया गया है. यह उपलब्धि विश्वविद्यालय के विकास के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है.

भावे के आदर्शों से प्रेरणा लेने की आवश्यकता

राज्यपाल गंगवार ने अपने संबोधन में आचार्य विनोबा भावे के योगदान को याद किया, जिनके नाम पर विश्वविद्यालय की स्थापना हुई है. उन्होंने कहा, “यह विश्वविद्यालय महान भूदानी संत आचार्य विनोबा भावे के नाम से जुड़ा है, जिन्होंने अपने जीवन को समाज सुधार और भूदान यज्ञ के लिए समर्पित किया”. राज्यपाल ने उम्मीद जताई कि यह विश्वविद्यालय उन्हीं मूल्यों और आदर्शों को आगे बढ़ाते हुए समाज को नई दिशा देने का कार्य करता रहेगा. उनके विचारों और कार्यों ने समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का कार्य किया है, और यही प्रेरणा विश्वविद्यालय को शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी.

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत का विकास

राज्यपाल ने इस विशेष अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन का भी उल्लेख किया. उन्होंने प्रधानमंत्री के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा, “आज हमारे देश के लिए भी एक विशेष दिन है, क्योंकि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है. प्रधानमंत्री जी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत आर्थिक और सामाजिक दोनों मोर्चों पर तेज़ी से उन्नति कर रहा है. “उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है. शिक्षा के क्षेत्र में भी प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उल्लेख करते हुए राज्यपाल ने कहा कि इस नीति ने भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक नई दिशा दी है. “यह नीति हमारे शिक्षण संस्थानों को अधिक समावेशी, लचीला और बहुआयामी बनाने का कार्य कर रही है, ताकि विद्यार्थी अपनी रुचियों और क्षमताओं के अनुसार विकास कर सकें”.

स्थापना दिवस का महत्व

स्थापना दिवस का महत्व केवल उत्सव तक सीमित नहीं है. यह वह समय है जब एक संस्थान अपनी अब तक की उपलब्धियों को देखता है और भविष्य की चुनौतियों और संभावनाओं पर विचार करता है. विनोबा भावे विश्वविद्यालय के इस 33वें स्थापना दिवस पर यह ध्यान दिलाया गया कि हमें यह देखना चाहिए कि हमने अब तक क्या हासिल किया है और हमें किन क्षेत्रों में और मेहनत करने की आवश्यकता है. राज्यपाल ने अपने संबोधन के अंत में कहा कि झारखंड राज्य में शिक्षा और विकास की अपार संभावनाएं हैं और इन संभावनाओं को वास्तविकता में बदलने के लिए विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका है. उन्होंने आशा व्यक्त की कि विनोबा भावे विश्वविद्यालय भविष्य में भी शिक्षा और समाज में महत्वपूर्ण योगदान देता रहेगा और राज्य की तरक्की में सहायक बनेगा. इस कार्यक्रम में उपस्थित छात्रों और शिक्षकों ने भी अपने अनुभव साझा किए और विश्वविद्यालय के विकास में अपनी भूमिका निभाने के प्रति संकल्पित दिखे. विश्वविद्यालय के कुलपति ने अपने भाषण में इस विशेष अवसर को संस्थान के लिए एक मील का पत्थर बताते हुए कहा कि शिक्षा और शोध के क्षेत्र में विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता अटूट रहेगी.

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