झारखंड में आतंकी गतिविधियों पर खुफिया एजेंसियों की नजर, बढ़ी संदिग्धों की निगरानी….

झारखंड में हाल के दिनों में आतंकी संगठनों की गतिविधियां बढ़ने की आशंका के चलते केंद्रीय खुफिया एजेंसियां और राज्य एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वाड) हाई अलर्ट पर हैं. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा आतंकी मॉड्यूल के खुलासे के बाद झारखंड में भी करीब दो दर्जन संदिग्धों को चिन्हित किया गया है. इसके अलावा, पाकुड़ जिले में जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) के संदिग्धों की गुप्त बैठक की जानकारी मिलने के बाद राज्य और केंद्र की खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं. इस बैठक के बाद करीब 15 संदिग्धों की पहचान की गई है, जिन पर निगरानी रखी जा रही है.

एटीएस और खुफिया एजेंसियों की सख्त निगरानी

झारखंड में संदिग्ध आतंकियों की गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा रही है. एटीएस के अलावा, राज्य की विशेष शाखा के एसपी (इंटेलिजेंस) भी अलग से इनपुट जुटा रहे हैं. अधिकारियों के अनुसार, जांच में कई संदिग्धों के पासपोर्ट और मोबाइल नंबर की जानकारी मिली है, जिससे उनकी यात्रा और संपर्कों का विश्लेषण किया जा रहा है. कुछ मोबाइल नंबरों को सर्विलांस पर रखा गया है ताकि संदिग्ध गतिविधियों का तुरंत पता लगाया जा सके.

अलकायदा और JMB के संदिग्ध रडार पर

खुफिया सूत्रों के अनुसार, अलकायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) और जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) से जुड़े संदिग्धों को चिन्हित किया गया है. जांच के दौरान इन संगठनों से जुड़े कुछ लोगों के पासपोर्ट और मोबाइल नंबरों की विस्तृत जानकारी खंगाली जा रही है. यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि वे किन-किन देशों में यात्रा कर चुके हैं और किन लोगों के संपर्क में थे.

डॉ. इश्तियाक का आतंकी मॉड्यूल

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा पकड़े गए अलकायदा के संदिग्ध डॉ. इश्तियाक अहमद के मॉड्यूल की जांच के दौरान झारखंड में सक्रिय करीब दो दर्जन संदिग्धों की पहचान हुई है. इनमें से कई लोगों से एटीएस और खुफिया एजेंसियों ने पूछताछ की है और उनके संपर्कों की भी जांच की जा रही है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस केस में अपनी पहली चार्जशीट दाखिल कर दी है, जबकि झारखंड में इस मॉड्यूल से जुड़े अन्य संदिग्धों की गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा रही है.

पाकुड़ में संदिग्ध बैठक की जांच

6 जनवरी को पाकुड़ में बांग्लादेशी आतंकी संगठन JMB के संदिग्ध अब्दुल ममुन द्वारा गुप्त बैठक और एक दिन की ट्रेनिंग आयोजित करने की सूचना मिली थी. इसके बाद, राज्य पुलिस और एटीएस ने इस बैठक में शामिल संदिग्धों की पहचान शुरू कर दी है. बैठक में मौजूद लोगों के पासपोर्ट की भी जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनका कोई अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन से संबंध तो नहीं है. हालांकि, पाकुड़ पुलिस इस मामले पर आधिकारिक रूप से कोई टिप्पणी करने से बच रही है.

सुरक्षा एजेंसियों की रणनीति

झारखंड पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां मिलकर इस पूरे मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही हैं. सुरक्षा एजेंसियां सभी संदिग्धों की गतिविधियों पर करीबी नजर बनाए हुए हैं और समय-समय पर मिलने वाले इनपुट्स के आधार पर अपनी जांच को आगे बढ़ा रही हैं. राज्य में संभावित आतंकी खतरे को देखते हुए एटीएस और अन्य एजेंसियां किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए पूरी तरह मुस्तैद हैं.

क्या हो सकते हैं अगले कदम?

• संदिग्धों की गिरफ्तारी: अब तक चिन्हित संदिग्धों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है.

• नए मॉड्यूल की जांच: अगर किसी नए आतंकी मॉड्यूल का संकेत मिलता है तो उसकी गहन जांच की जाएगी.

• अंतरराष्ट्रीय लिंक की जांच: संदिग्धों के विदेश यात्राओं और संपर्कों को खंगाला जाएगा.

• सुरक्षा व्यवस्था मजबूत: राज्य में हाई अलर्ट जारी कर महत्वपूर्ण जगहों पर सुरक्षा बढ़ाई जा सकती है.

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