झारखंड के मुख्य सचिव अलका तिवारी की अध्यक्षता में सोमवार को झारखंड सहकारिता विकास समिति की बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में राज्य के 1270 लैम्पस-पैक्स के ऑनलाइन हो जाने की जानकारी दी गई. मुख्य सचिव ने इन लैम्पस और पैक्स में प्रज्ञा केंद्र की सेवाएं शुरू करने का निर्देश दिया. साथ ही, उन्होंने सहकारिता विकास की योजनाओं को राज्य के संसाधनों और अधिकतम लोगों की जरूरतों के अनुरूप बनाने पर जोर दिया.
सहकारिता क्षेत्र में विकास योजनाओं पर विशेष जोर
मुख्य सचिव अलका तिवारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सहकारिता बैंक की शाखाओं के विस्तार से पहले उनकी स्थिति मजबूत की जाए. उन्होंने कहा कि सहकारिता के क्षेत्र में केवल वही कार्य करना चाहिए जो राज्यहित में हो. ऐसी योजनाओं से बचने की सलाह दी गई, जो भविष्य में राज्य पर बोझ बन सकती हैं. सहकारिता विभाग के प्रस्तावों की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने उन्हें राज्य के इकोसिस्टम के अनुरूप बनाने की आवश्यकता पर बल दिया.
1270 लैम्पस-पैक्स हुए ऑनलाइन
बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य के चयनित 1500 लैम्पस-पैक्स में से 1270 कंप्यूटरीकृत होकर ऑनलाइन हो चुके हैं. शेष 230 समितियों को 31 मार्च 2025 तक कंप्यूटरीकृत करने का लक्ष्य रखा गया है. वहीं, शेष 2949 लैम्पस-पैक्स के कंप्यूटरीकरण के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है. जो लैम्पस-पैक्स ऑनलाइन हो चुके हैं, उन्हें प्रज्ञा केंद्र के रूप में सेवा प्रदान करने का निर्देश दिया गया. इसके लिए झारसेवा लॉगिन आईडी देने का निर्णय भी बैठक में लिया गया.
धान अधिप्राप्ति में हुई प्रगति
बैठक में बताया गया कि राज्य के 724 धान अधिप्राप्ति केंद्रों के माध्यम से अब तक 1306356.33 क्विंटल धान की खरीदारी की जा चुकी है. शेष 75 केंद्रों को कार्यशील बनाकर खरीदी की निर्धारित अवधि में लक्ष्य को पूरा करने पर काम किया जा रहा है.
मत्स्य उत्पादन में झारखंड ने किया उल्लेखनीय कार्य
झारखंड में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए तीन लाख टन मछली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया था. इसके तहत अब तक 2.57 लाख टन मछली उत्पादन हो चुका है. जबकि पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 में यह उत्पादन 2.80 लाख टन था. अमृत सरोवर मिशन के तहत राज्य के विभिन्न जिलों में विकसित सरोवरों में मत्स्यजीवी सहकारी समितियां गठित करने का कार्य किया जा रहा है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में 50 समितियों के गठन का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से अब तक 33 समितियां गठित हो चुकी हैं.
अन्य प्रमुख मुद्दों पर चर्चा
बैठक में सहकारिता क्षेत्र से जुड़े कई अन्य मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा की गई. इनमें निम्नलिखित बिंदु शामिल थे:
• लैम्पस और पैक्स में गोदाम निर्माण और कमरे की उपलब्धता.
• रसोई गैस वितरण केंद्र और रिटेल पेट्रोल-डीजल आउटलेट खोलने की योजना.
• विभिन्न जिलों में जन औषधि केंद्र खोलने पर चर्चा.
• लैम्पस-पैक्स को उर्वरक लाइसेंस और पीएम किसान समृद्धि केंद्र के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव.
• झारखंड में नवनिर्मित सहकारी प्रशिक्षण संस्थान को इंस्टीट्यूट ऑफ को-ऑपरेटिव मैनेजमेंट के रूप में विकसित करने का सुझाव.
बैठक में शामिल प्रमुख अधिकारी
बैठक में कृषि सचिव अबु बक्कर सिद्दीक, वित्त सचिव प्रशांत कुमार, राजस्व सचिव चंद्रशेखर, ग्रामीण विकास सचिव के श्रीनिवासन, निबंधक सहयोग समितियां सूरज कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.