झारखंड की राजधानी रांची में 27 अगस्त से ऑटो और ई-रिक्शा चालकों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है. इस हड़ताल का मुख्य कारण ट्रैफिक पुलिस और आरटीए (क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण) सचिव द्वारा लागू किए गए नए ट्रैफिक रूट हैं. चालकों का कहना है कि नए रूट उनके लिए बेहद असुविधाजनक हैं, जिससे उनकी रोजी-रोटी पर असर पड़ेगा.
नए रूट निर्धारण के खिलाफ विरोध
रांची ट्रैफिक पुलिस और आरटीए सचिव ने शहर के ट्रैफिक को व्यवस्थित करने के उद्देश्य से रांची को चार जोन में बांट दिया है. इन जोन में ऑटो के लिए 17 और ई-रिक्शा के लिए 113 नए रूट निर्धारित किए गए हैं. चालकों का मानना है कि ये रूट व्यावहारिक नहीं हैं और इनसे उनकी आमदनी पर असर पड़ेगा. इस मुद्दे को लेकर ऑटो और ई-रिक्शा चालक संघ ने कई बार अधिकारियों से बातचीत करने की कोशिश की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला.
विरोध प्रदर्शन और पुतला दहन
सोमवार को इस मुद्दे को लेकर चालकों ने विरोध प्रदर्शन किया. यह प्रदर्शन रातू रोड से कचहरी चौक तक निकाला गया, जहां चालकों ने आरटीए सचिव और ट्रैफिक एसपी का पुतला भी जलाया. प्रदर्शन के दौरान रांची जिला ऑटो चालक यूनियन के अध्यक्ष अर्जुन यादव ने कहा, “हमने कई बार अधिकारियों से वार्ता करने की कोशिश की, लेकिन जब बात नहीं बनी, तो हमारे पास हड़ताल के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा”.
हड़ताल का असर
हड़ताल का असर शहर की सामान्य दिनचर्या पर पड़ने की आशंका है. सुबह 5:00 बजे से ही शहर में ऑटो और ई-रिक्शा का परिचालन बंद कर दिया जाएगा. इसका सबसे ज्यादा असर स्कूल जाने वाले बच्चों पर पड़ सकता है, क्योंकि स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने वाले ऑटो भी हड़ताल में शामिल होंगे. अर्जुन यादव ने अभिभावकों से अपील की है कि वे बच्चों को स्कूल भेजने के लिए अपनी व्यवस्था खुद करें, क्योंकि स्कूल ड्यूटी में लगे ऑटो भी हड़ताल में शामिल रहेंगे.
आपातकालीन सेवाओं को छूट
हालांकि, हड़ताल के दौरान आपातकालीन सेवाओं को छूट दी गई है. बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाने वाले ऑटो और ई-रिक्शा इस हड़ताल में शामिल नहीं होंगे, जिससे आपातकालीन स्थिति में लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े. इसके अलावा, मालवाहक ऑटो का परिचालन भी जारी रहेगा.