राजधानी रांची में साइबर अपराध के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. साइबर अपराधियों द्वारा लोगों को ठगने के लिए नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं. रांची पुलिस और साइबर क्राइम ब्रांच जागरूकता फैलाने के तमाम प्रयास कर रही हैं, लेकिन इसके बावजूद ठगी की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. इस महीने के पहले 15 दिनों में ही साइबर ठगों ने 5 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर ली है.
ठगी के प्रमुख मामले
साल 2024 के जनवरी महीने में ठगी के पांच बड़े मामले सामने आए हैं. हर मामले में पीड़ितों से 50 लाख रुपये से अधिक की ठगी की गई है. सबसे बड़ा मामला रांची के बरियातू इलाके का है, जहां एक रिटायर्ड अधिकारी से 2.27 करोड़ रुपये की ठगी की गई.
कैसे हुई ठगी?
10 दिसंबर 2024 को पीड़ित के मोबाइल पर एक कॉल आया. कॉलर ने खुद को ट्राई का अधिकारी बताया और कहा कि उनके नंबर से अवैध विज्ञापन और भ्रामक संदेश भेजे जा रहे हैं. इसके बाद ठग ने उन्हें अरेस्ट करने की धमकी दी. ठगों ने वीडियो कॉल के माध्यम से डराया और 10 से 20 दिसंबर के बीच अलग-अलग बैंक खातों में आठ बार में 2.27 करोड़ रुपये ट्रांसफर करवा लिए.
डिजिटल अरेस्ट का दबाव
इस ठगी में एक महिला भी शामिल थी, जिसने खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच की अधिकारी बताया. पीड़ित को लगातार वीडियो कॉल पर रखा गया और पैसे ट्रांसफर करने का दबाव बनाया गया. ठगों ने पीड़ित को डिजिटल अरेस्ट के नाम पर झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दी.
ऑनलाइन ट्रेडिंग और व्यापार में मुनाफे के नाम पर ठगी
साइबर ठगों ने अन्य मामलों में ऑनलाइन ट्रेडिंग और व्यापार में मुनाफे का लालच देकर भी लोगों को ठगा. एक मामले में 61 लाख रुपये, दूसरे में 93 लाख रुपये और तीसरे में 67 लाख रुपये की ठगी हुई. वहीं, व्यापार में बेहतर मुनाफा देने के नाम पर एक व्यक्ति से 56 लाख रुपये ठग लिए गए.
साइबर पुलिस के प्रयास
रांची साइबर क्राइम ब्रांच ने ठगी की घटनाओं को रोकने के लिए हेल्पलाइन नंबर 1930 जारी किया है. साथ ही, साइबर अपराधियों के खातों से पैसे ट्रांसफर करने वालों की जानकारी जुटाई जा रही है. डीएसपी साइबर, श्रीनिवास सिंह के अनुसार, ठगों के खातों का ब्योरा निकाला जा रहा है, और अगले 10 दिनों के अंदर आरोपियों को गिरफ्तार करने का दावा किया गया है.
कुछ रकम फ्रीज करने में सफलता
पुलिस ने ठगी की गई रकम में से कुछ को फ्रीज करने में सफलता पाई है, लेकिन अधिकतर रकम अपराधियों के पास पहुंच चुकी है. साइबर ब्रांच ने बताया कि ठगी की अधिकतर रकम बैंकों के माध्यम से निकाली गई है.
जागरूकता के बावजूद ठगी जारी
साइबर अपराध रोकने के लिए रांची पुलिस और साइबर क्राइम ब्रांच द्वारा लगातार जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं. मोबाइल कॉलर ट्यून और अन्य माध्यमों से लोगों को सतर्क रहने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. इसके बावजूद, लोग साइबर ठगों के जाल में फंस रहे हैं.
क्या करें?
साइबर अपराध से बचने के लिए लोगों को सतर्क रहना चाहिए। किसी भी अनजान कॉल या संदिग्ध लिंक पर भरोसा न करें। अपनी बैंकिंग जानकारी किसी के साथ साझा न करें और साइबर अपराध की शिकायत तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर करें.