राज्य में बढ़ते कैंसर मामलों पर बढ़ी सतर्कता, मरीजों को मिलेगा समय पर इलाज…..

झारखंड में कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की सलाह पर निगरानी बढ़ा दी है. स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग ने इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की है. आईसीएमआर ने राज्य में कैंसर की अनिवार्य रिपोर्टिंग की अनुशंसा की है, ताकि रोग की रोकथाम, उपचार और शोध पर समय पर कार्रवाई की जा सके.

हर जिले में कैंसर मामलों की अनिवार्य रिपोर्टिंग

राज्य के प्रत्येक जिले के सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया है कि वे हर महीने की 10वीं तारीख तक स्वास्थ्य विभाग को कैंसर से संबंधित रिपोर्ट भेजें. सरकार का उद्देश्य आगामी वर्षों में कैंसर से होने वाली मृत्यु दर में कमी लाना है.

सरकारी और गैर-सरकारी अस्पतालों को रिपोर्टिंग के निर्देश

कैंसर निगरानी को प्रभावी बनाने के लिए राज्य सरकार ने सभी सरकारी और गैर-सरकारी अस्पतालों, रेलवे, आर्मी, आयुष संस्थानों, पैथोलॉजिकल, क्लीनिकल और रेडियोलॉजिकल लैब्स, मेडिकल कॉलेजों, रूटीन उपचार प्रदान करने वाले केंद्रों तथा अन्य स्वास्थ्य संबंधी संस्थानों को अनिवार्य रूप से कैंसर मामलों की पाक्षिक रिपोर्ट सिविल सर्जन को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. इन संस्थानों को प्रत्येक माह की 5वीं और 20वीं तारीख तक रिपोर्ट देनी होगी.

डेटा बैंक बनेगा, कैंसर रिसर्च को मिलेगा बढ़ावा

आईसीएमआर का कहना है कि कैंसर के सभी मामलों की पूरी जानकारी रखना जरूरी है. उपलब्ध डेटा के आधार पर कैंसर की रोकथाम और उपचार के लिए समय पर तथा दीर्घकालिक नीतियां बनाई जा सकेंगी. राज्य सरकार का उद्देश्य एक विस्तृत डेटा बैंक तैयार करना है, ताकि कैंसर पर रिसर्च को बढ़ावा मिल सके.

प्राथमिक स्तर पर कैंसर की पहचान होगी अनिवार्य

कैंसर की रोकथाम और नियंत्रण में इसकी प्रारंभिक पहचान अत्यंत आवश्यक है. इसलिए, कैंसर की सूचना देने वाले प्रत्येक संस्थान के स्तर पर निगरानी सिस्टम विकसित किया जाएगा. इसमें सभी आवश्यक सूचनाएं नियमित रूप से दर्ज की जाएंगी और रिकॉर्ड को सुरक्षित रखा जाएगा.

झारखंड में कैंसर की स्थिति: आंकड़े चौंकाने वाले

राज्य में कैंसर स्क्रीनिंग और पुष्टि के आंकड़े इस प्रकार हैं:

• ओरल कैंसर: 14.87 लाख लोगों की स्क्रीनिंग हुई, जिसमें 2,800 मरीजों को ओरल कैंसर की पुष्टि हुई.

• ब्रेस्ट कैंसर: 7.5 लाख महिलाओं की स्क्रीनिंग हुई, जिनमें 96% का उपचार हुआ और 1,463 मामलों में ब्रेस्ट कैंसर की पुष्टि हुई.

• सर्वाइकल कैंसर: 2.0 लाख महिलाओं की स्क्रीनिंग हुई, जिनमें 77% का उपचार हुआ और 4,612 मरीजों में सर्वाइकल कैंसर की पुष्टि हुई.

समय पर जांच से ही मिलेगी राहत

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कैंसर के अनेक मामले शुरू में पहचान में नहीं आते, जिससे समय पर इलाज संभव नहीं हो पाता. निगरानी प्रणाली विकसित होने से मरीजों को समय पर उपचार मिल सकेगा और कैंसर से होने वाली मौतों में कमी लाई जा सकेगी.

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