मंकीपॉक्स के बढ़ते खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने पूरे राज्य में अलर्ट जारी कर दिया है. इसके बाद रांची के रिम्स अस्पताल ने मंकीपॉक्स के संदिग्ध मामलों के लिए पांच बेड सुरक्षित किए हैं. सोमवार को रिम्स के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. हिरेंद्र बिरुआ की अध्यक्षता में एक बैठक हुई जिसमें कम्युनिटी मेडिसिन, मेडिसिन, शिशु रोग, चर्म रोग, और माइक्रोबायोलॉजी के विभागाध्यक्ष शामिल थे. बैठक में मंकीपॉक्स से बचाव और इसके प्रति जागरूकता फैलाने के लिए अस्पताल परिसर में एलसीडी और अन्य माध्यमों से जानकारी प्रसारित करने पर सहमति बनी. स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश दिया है कि मंकीपॉक्स के संभावित मामलों की पहचान होते ही मरीजों को तुरंत आइसोलेट किया जाए और उनके सैंपल्स को एमजीएम अस्पताल, जमशेदपुर भेजा जाए. अभी तक रांची में मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन कोलकाता में एक मामला मिलने की पुष्टि हुई है.
क्या है मंकीपॉक्स वायरस?
मंकीपॉक्स एक संक्रामक रोग है जो मुख्यतः संक्रमित जानवरों, खासकर बंदरों के वायरस से मनुष्यों में फैलता है. यह वायरस शारीरिक संपर्क के माध्यम से भी फैल सकता है, जिससे संक्रमित व्यक्ति की त्वचा पर चेचक जैसे दाने और घाव बन जाते हैं. इन दानों का असर सबसे ज्यादा चेहरे, हाथों और पैरों पर देखा जाता है. मंकीपॉक्स के अधिकांश मामले बच्चों में देखे गए हैं. पिछले साल भी मंकीपॉक्स के कुछ मामले सामने आए थे, लेकिन इससे किसी की जान नहीं गई थी.
मंकीपॉक्स के लक्षण
मंकीपॉक्स के लक्षणों में तेज ठंड लगना, बुखार आना, सिरदर्द होना, अत्यधिक थकान महसूस होना, और चेचक जैसे दाने पड़ना शामिल हैं. यह दाने बाद में लाल चकत्तों में बदल जाते हैं और घाव का रूप ले सकते हैं.
बचाव के उपाय
स्वास्थ्य विभाग ने मंकीपॉक्स से बचाव के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं:
- बंदरों और अन्य जानवरों के संपर्क में आने से बचें.
- घरों में सफाई का विशेष ध्यान रखें और नियमित रूप से सेनिटाइज करें.
- बच्चों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दें.
- शरीर पर किसी भी तरह के दाने या चकत्ते दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
सावधानी की अपील
सिविल सर्जन ने कहा कि फिलहाल मंकीपॉक्स का वायरस व्यापक रूप से फैला नहीं है, लेकिन एहतियात बरतना बेहद जरूरी है. अस्पतालों को इस संबंध में विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं. लोगों को जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न माध्यमों से जानकारी प्रसारित की जा रही है. रिम्स अस्पताल में भी इस वायरस को लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है. मंकीपॉक्स के संदिग्ध मामलों को अलग रखने के लिए पांच बेड सुरक्षित कर दिए गए हैं, और संभावित मामलों की जांच के लिए सैंपल तुरंत एमजीएम अस्पताल, जमशेदपुर भेजे जाएंगे. अस्पताल में आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को मंकीपॉक्स के लक्षणों और बचाव के उपायों के बारे में बताया जाएगा, ताकि समय रहते कोई भी संभावित संक्रमण रोका जा सके. स्वास्थ्य विभाग की अपील है कि अगर किसी को मंकीपॉक्स के लक्षण महसूस होते हैं तो वे तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर जांच करवाएं और इलाज शुरू करें. लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, बस थोड़ी सी सतर्कता बरतने से इस बीमारी से बचा जा सकता है.