झारखंड के विद्यालयों में कक्षा की संख्या में बढ़तोरी लेकिन शिक्षकों की संख्या में आई कमी..

रांची: झारखंड में कक्षा की संख्या बढ़ते ही शिक्षकों की संख्या घट जाती है। प्लस टू में 54 विधार्थी पर 1 शिक्षक हैं। राज्य में प्राथमिक से लेकर प्लस टू विद्यालय तक में शिक्षकों के लगभग 24000 पद रिक्त है। हाइस्कूल व प्लस टू विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति हुई, लेकिन पद अभी भी रिक्त रह गए। हाइस्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया फिलहाल चल रही है। वहीं प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति के लिए नियमावली तैयार करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। हाईस्कूल और प्लस टू विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति हुई, लेकिन पद रिक्त ही रह गए। हाईस्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया फिलहाल चल ही रही है।

प्राथमिक से लेकर प्लस टू उच्च विद्यालय तक राष्ट्रीय औसत की तुलना में झारखंड में प्रति शिक्षक छात्र का अनुपात अधिक है। झारखंड में कक्षा 1 से 5 तक के विधार्थियों के लिए 30 विधार्थी पर एक शिक्षक उपलब्ध हैं। वहीं कक्षा 6 से 8 तक में 22 विधार्थी पर एक, कक्षा 9 से 10 में 33 विधार्थी पर और 11वीं और 12वीं को पढ़ाई के लिए 54.5 विधार्थी पर भी एक ही शिक्षक है। राष्ट्रीय औसत पर प्राथमिक कक्षा में 26.5 विधार्थी पर एक शिक्षक, कक्षा 6 से 8 और 9 और 10 में 18.5 तो वहीं 11वीं और 12 वीं में 26.1 विधार्थी पर एक शिक्षक उपलब्ध है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किए रिपोर्ट के अनुसार देश में बिहार और ओडिशा दो ऐसे राज्य हैं जहां झारखंड की तुलना में शिक्षक और छात्र का अनुपात अधिक है। ओडिशा में केवल कक्षा 11वीं और 12 वीं में झारखंड की तुलना में प्रति शिक्षक विधार्थियों की संख्या अधिक है। लेकिन अन्य कक्षाओं में शिक्षक और विधार्थियो का अनुपात ओडिशा में झारखंड की तुलना में बेहतर है।

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