मईयां सम्मान योजना के तहत किए गए सत्यापन में बड़ी अनियमितता सामने आई है। सरकारी कर्मचारियों की पत्नियों और बेटियों के खातों में योजना की राशि पहुंचने की पुष्टि हुई है। इसके अलावा, आंगनबाड़ी सेविकाओं, सहायिकाओं और पारा शिक्षकों ने भी इस योजना का लाभ उठाया है। जांच के दौरान हजारों अपात्र लाभार्थी पकड़े गए, जिससे सरकार ने जनवरी की किस्त पर रोक लगा दी है।
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बड़ी संख्या में अपात्र लाभार्थी पकड़े गए
राज्य के विभिन्न जिलों— बोकारो, गढ़वा, पलामू, गिरिडीह आदि में सबसे अधिक डुप्लीकेसी के मामले सामने आए हैं। सत्यापन में 12,000 से अधिक ऐसे मामले पकड़े गए, जहां लाभार्थी पहले से ही अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे थे या फिर एक ही खाते में कई लाभार्थियों की राशि भेजी जा रही थी। राज्यभर में 60,000 अपात्र लाभार्थियों के नाम सूची से हटा दिए गए हैं, जबकि 15,000 को होल्ड पर रखा गया है।
सरकारी कर्मियों पर होगी कार्रवाई
सामाजिक सुरक्षा निदेशालय ने सभी जिलों से सत्यापन की रिपोर्ट मांगी है। अपात्र लाभार्थियों से वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और सरकारी कर्मचारियों पर केस दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस योजना का गलत लाभ उठाने वालों से राशि सूद समेत वापस ली जाएगी।
20 फरवरी तक सत्यापन पूरा करने का निर्देश
प्रखंड स्तर पर बीडीओ को निर्देश दिया गया है कि वे सत्यापन कार्य में पूरी सतर्कता बरतें और नए आवेदनों की गहन जांच करें। सत्यापन कार्य को 20 फरवरी तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
रातू में पकड़ा गया कंप्यूटर ऑपरेटर
रातू में एक कंप्यूटर ऑपरेटर द्वारा अपात्र लोगों के नाम योजना में जोड़ने का मामला पकड़ा गया है। पहली किस्त की राशि इन खातों में भेजी जा चुकी थी। जांच के दौरान यह गड़बड़ी सामने आई, जिसके बाद संबंधित ऑपरेटर से पैसे की वसूली की गई।
सरकार की सख्ती जारी
सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि मईयां सम्मान योजना में किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सत्यापन पूरा होने के बाद ही सही लाभार्थियों को राशि भेजी जाएगी, ताकि योजना का उद्देश्य सही जरूरतमंदों तक पहुंचे।