झारखंड में शिक्षा की स्थिति को लेकर जारी एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट 2024 के अनुसार, राज्य में आठवीं कक्षा के 49% बच्चे गणित में भाग नहीं दे पा रहे हैं, जबकि 30% ऐसे छात्र हैं जो दूसरी कक्षा का भी पाठ नहीं पढ़ सकते। हालांकि, 2022 की तुलना में शिक्षा में सुधार देखा गया है। यह रिपोर्ट शिक्षा की गुणवत्ता में हो रहे सुधारों को दर्शाती है, लेकिन अब भी कई चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
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शिक्षा में आंशिक सुधार, लेकिन गणित और पढ़ाई में कठिनाइयाँ
असर रिपोर्ट के अनुसार, आठवीं कक्षा के केवल 50.9% बच्चे गणित में भाग देने में सक्षम हैं। वहीं, सातवीं कक्षा के 55.5%, छठी के 65%, पाँचवीं के 69% और चौथी के 79% बच्चे गणित में कमजोर हैं। दूसरी ओर, पढ़ाई की स्थिति भी कुछ खास बेहतर नहीं है। रिपोर्ट बताती है कि आठवीं के 69.5% बच्चे दूसरी कक्षा का पाठ पढ़ सकते हैं, जबकि सातवीं के 37.2%, छठी के 48%, पाँचवीं के 55%, चौथी के 68% और तीसरी के 80% बच्चे दूसरी कक्षा का पाठ पढ़ने में असमर्थ हैं।
सरकारी स्कूलों में घटा नामांकन
कोरोना महामारी के दौरान सरकारी विद्यालयों में नामांकन में वृद्धि हुई थी, लेकिन अब इसमें गिरावट देखी गई है। 2022 में सरकारी स्कूलों में नामांकन दर 83.3% थी, जो 2024 में घटकर 77.4% रह गई है। यह करीब 6% की गिरावट है।
स्मार्टफोन और डिजिटल शिक्षा की बढ़ती भूमिका
शिक्षा की नई संभावनाओं में स्मार्टफोन की भूमिका बढ़ रही है। झारखंड के 14-16 वर्ष आयु वर्ग के 76.8% बच्चों ने बताया कि वे स्मार्टफोन का उपयोग करना जानते हैं। इनमें से 63.4% बच्चों ने पिछले सप्ताह में शैक्षिक गतिविधियों के लिए स्मार्टफोन का उपयोग किया था, जबकि 70% बच्चों ने सोशल मीडिया के लिए स्मार्टफोन का इस्तेमाल किया।
रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड में 85.1% लड़के और लड़कियों के घर में स्मार्टफोन उपलब्ध है। इनमें से 39.8% लड़कों और 29.4% लड़कियों के पास अपना व्यक्तिगत स्मार्टफोन है। इसके अलावा, 66% बच्चे जानते थे कि प्रोफाइल को कैसे ब्लॉक या रिपोर्ट किया जाता है, जबकि 56.8% बच्चे अपनी प्रोफाइल को निजी बनाना जानते थे और 56.3% बच्चों को पासवर्ड बदलने की जानकारी थी।
राज्य सरकार के प्रयास
राज्य सरकार बच्चों की शिक्षा सुधारने और स्कूलों में नामांकन बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है। असर सर्वेक्षण के दौरान झारखंड के 24 जिलों के 720 गांवों में 27,649 बच्चों से संपर्क किया गया और 671 सरकारी स्कूलों का निरीक्षण किया गया।
हालांकि, सरकार की ओर से शिक्षा को सुधारने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन अभी भी बुनियादी शिक्षा स्तर को मजबूत करने के लिए और अधिक कार्य करने की आवश्यकता है। शिक्षा के क्षेत्र में दीर्घकालिक सुधार के लिए प्रभावी योजनाएं और उनके उचित कार्यान्वयन की जरूरत है।