राजधानी रांची से सटे चार जिलों के अस्पतालों को सुधारने के लिए रांची सदर अस्पताल को मेंटर बनाया गया है. खूंटी, लोहरदगा, सिमडेगा, और गुमला के सदर अस्पतालों को रांची के मॉडल के आधार पर विकसित किया जाएगा. इस पहल का उद्देश्य इन अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था को दुरुस्त करना और मरीजों को बेहतर सेवाएं प्रदान करना है. रांची के सदर अस्पताल को इन चार जिलों के अस्पतालों के लिए एक आदर्श के रूप में स्थापित किया गया है.
खूंटी और गुमला के अस्पतालों का दौरा
रांची सदर अस्पताल के सिविल सर्जन, डॉ. प्रभात कुमार ने खूंटी और गुमला के अस्पतालों का दौरा किया और वहां की स्थिति का मूल्यांकन किया. इस दौरान कई कमियां सामने आईं, जिनका समाधान करने की दिशा में जानकारी दी गई. लोहरदगा और सिमडेगा का निरीक्षण भी जल्द किया जाएगा.
सिविल सर्जन ने बताया
सिविल सर्जन ने बताया कि रांची सदर अस्पताल में आयुष्मान योजना के तहत मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं उत्कृष्ट हैं और इन्हें अन्य जिलों के अस्पतालों में भी लागू किया जाएगा. निजी डॉक्टरों को अनुबंध पर रखने से मरीजों को राहत मिली है, और यह व्यवस्था अन्य जिलों में भी शुरू की जाएगी. एक महत्वपूर्ण लक्ष्य यह भी है कि मरीजों को रेफर करने की संख्या को कम किया जाए. वर्तमान में, अधिकांश मामलों को उच्च केंद्रों जैसे रांची सदर अस्पताल या रिम्स में भेज दिया जाता है. इस नए सुधार के तहत, प्रयास किया जाएगा कि मरीजों का इलाज वहीं पर किया जा सके, जिससे इलाज के लिए रेफर करने की जरूरत कम हो.
चार जिलों के सर्जन ने सदर अस्पताल की सुविधाओं का किया अध्ययन
चार जिलों के सिविल सर्जन ने रांची में सदर अस्पताल की सुविधाओं का अध्ययन किया और इसे अपने अस्पतालों में लागू करने की योजना बनाई है. इस पहल से इन अस्पतालों की सेवाओं में सुधार की उम्मीद है, और मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.