महंगाई की मार: 12 मई से महंगा होगा मेधा दूध, जानिए नई कीमतें…..

झारखंड की आम जनता को एक बार फिर महंगाई की मार झेलनी पड़ेगी. 12 मई 2025 से राज्य में मेधा डेयरी द्वारा बेचा जाने वाला दूध और उसके अन्य उत्पाद महंगे हो जाएंगे. कंपनी ने अपने सभी प्रकार के दूध और दूध से बने उत्पादों की कीमतों में 2 से 12 रुपए तक की बढ़ोतरी की घोषणा की है. इस बढ़ती कीमत का सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ेगा, खासकर उन परिवारों पर जिनकी रोजमर्रा की जरूरतों में दूध का महत्वपूर्ण स्थान है.

1 लीटर दूध 46 रुपए में मिलेगा

मेधा डेयरी द्वारा जारी की गई नई कीमतों के अनुसार, अब एक लीटर मेधा दूध 46 रुपए में मिलेगा, जो पहले 44 रुपए में उपलब्ध था. वहीं आधा लीटर दूध की कीमत 23 रुपए होगी, जबकि पहले यह 21 रुपए में मिल रहा था. इस तरह आम उपभोक्ताओं को अब हर लीटर दूध पर 2 रुपए ज्यादा खर्च करने होंगे.

टोंड और स्टैंडर्ड मिल्क की कीमतें भी बढ़ीं

केवल साधारण दूध ही नहीं, बल्कि मेधा डेयरी के टोंड और स्टैंडर्ड मिल्क की कीमतों में भी इजाफा किया गया है. अब 1 लीटर टोंड मिल्क 53 रुपए और आधा लीटर 27 रुपए में मिलेगा, जबकि पहले इसकी कीमत क्रमशः 51 और 26 रुपए थी. इसी तरह स्टैंडर्ड मिल्क (शक्ति) की कीमतें भी बढ़ाई गई हैं. अब एक लीटर शक्ति दूध 59 रुपए और आधा लीटर 30 रुपए में मिलेगा, जो पहले क्रमशः 57 और 29 रुपए में उपलब्ध था.

शक्ति स्पेशल और काऊ मिल्क की भी नई दरें

शक्ति स्पेशल दूध की नई कीमत 60 रुपए प्रति लीटर और 30 रुपए प्रति आधा लीटर निर्धारित की गई है. वहीं आधा लीटर काऊ मिल्क अब 28 रुपए में मिलेगा. इससे साफ है कि सभी प्रकार के दूध उत्पादों में महंगाई की सीधी मार पड़ रही है.

खोवा और छेना मिल्क भी महंगे

केवल दूध ही नहीं, बल्कि दूध से बने अन्य उत्पादों जैसे खोवा मिल्क और छेना मिल्क की कीमतों में भी इजाफा किया गया है. 6 लीटर खोवा मिल्क अब 336 रुपए की बजाय 348 रुपए में मिलेगा. वहीं 6 लीटर छेना मिल्क की कीमत 300 से बढ़ाकर 312 रुपए कर दी गई है. यह बढ़ोतरी मिठाइयों और दूध से बनी वस्तुओं के दामों को भी प्रभावित कर सकती है.

जनता की चिंता बढ़ी

महंगाई की इस नई किस्त से आम जनता की परेशानी बढ़ गई है. एक तरफ पहले से ही खाने-पीने की वस्तुएं महंगी हो रही हैं, वहीं अब दूध और दूध से बने उत्पादों की कीमतों में इजाफा और चिंता का विषय बन गया है. कई उपभोक्ताओं का कहना है कि हर महीने दूध पर खर्च में बढ़ोतरी उनके घरेलू बजट को बिगाड़ रही है.

सरकार और कंपनी की चुप्पी

अभी तक न राज्य सरकार की ओर से इस बढ़ोतरी पर कोई प्रतिक्रिया आई है और न ही कंपनी ने कीमत बढ़ाने के पीछे कोई स्पष्ट कारण बताया है. हालांकि माना जा रहा है कि कच्चे दूध की लागत बढ़ने और उत्पादन खर्च में इजाफा होने के कारण यह कदम उठाया गया है.

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