रांची: भारतीय प्रशासनिक सेवा की निलंबित अधिकारी पूजा सिंघल पर प्रवर्तन निदेशालय की नकेल कसने के बाद झारखंड में नौकरशाह-दलाल सिंडिकेट की परत-दर-परत खुल रही है। ED ने आज पूजा के करीबियों के रांची में 6 जगहों और मुजफ्फरपुर में छापे मारे। इसमें विशाल चौधरी इसी सिंडिकेट का एक अहम नाम है। नौकरशाहों की काली कमाई खपाने से लेकर उनके लिए मौज-मस्ती का इंतजाम करने वाला विशाल चौधरी ईडी के हत्थे चढ़ चुका है। इस शातिर के यहां जब ईडी के अफसरों ने धावा बोला तो इसने अपना एप्पल मोबाइल कचरे के डिब्बे में डाल दिया। ईडी को इसके पास से हाल के दिनों में लगभग 10 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन के दस्तावेज हासिल करने में सफलता मिली है। खबर है कि ED की टीम ने विशाल चौधरी को देर शाम हिरासत में ले लिया।
इधर प्रवर्तन निदेशालय की एक टीम आज को झारखंड के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सह गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का के बहनोई निशिथ केशरी के ठिकाने पर भी छापेमारी कर रही थी। इनके बारे में जानकारी मिली है कि निशिथ केशरी डेढ़ दशक पहले रांची में पूनम ड्रेसेज नामक कपड़ा की दुकान चलाते थे। बाद में वह रियल इस्टेट का बड़ा कारोबारी बन गया। उसने अपनी कंस्ट्रक्शन कंपनी बनाई, जिसका नाम निशिथ केशरी कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (एनकेसीपीएल) है। इस कंपनी ने रांची में अरगोड़ा से पुंदाग जाने वाले रास्ते में ओक फारेस्ट अपार्टमेंट बनवाया। ईडी की टीम ने उक्त अपार्टमेंट स्थित एनकेसीपीएल के कार्यालय में भी छापा मारा और कई दस्तावेज जब्त किया है।
ईडी सूत्रों के अनुसार मंगलवार की छापेमारी जिनके यहां हुई हैं, उनपर संदेह है कि वे राज्य के राजनेताओं व नौकरशाहों की काली कमाई को निवेश करते थे। ईडी को छानबीन में इससे संबंधित कई अहम सबूत हाथ लगे हैं, जिसकी छानबीन चल रही है।
बता दें की विशाल चौधरी से पूछताछ में राज्य के लगभग आधा दर्जन आइएएस और आइपीएस अधिकारियों की कलई खुल सकती है। इनका काला धन विशाल अपने स्तर से खपाता था। उसने दो कंपनियां भी बना रखी थी, जिसके जरिए वह विभिन्न विभागों में कामकाज करता था। एक सीनियर आइएएस अधिकारी से उनके बेहद करीबी रिश्ते थे और उनके दफ्तर समेत आवास पर वे अक्सर देखे जाते थे। इसके अलावा कई आइएएस और आइपीएस अधिकारी उनसे बराबर मिलते थे। विशाल से पूछताछ में इससे संबंधित सुराग मिल सकते हैं। इसमें कई अफसरों की गर्दन फंस सकती है।
ईडी की टीम को देखते ही विशाल चौधरी ने कचरे में फेंका एप्पल का मोबाइल..
ईडी की एक टीम जैसे ही अशोक नगर रोड नंबर छह स्थित विशाल चौधरी के आवास पर पहुंची, गेट खोलने से पहले विशाल चौधरी ने अपना एप्पल का मोबाइल कचरे में फेंक दिया। ईडी की टीम ने कचरे से उसका मोबाइल बरामद कर जब्त किया है, जिसकी छानबीन होगी। करोड़ों रुपये के लेन-देन से संबंधित कई डिजिटल साक्ष्य भी बरामद किए गए हैं, जिसकी छानबीन की जा रही है।
बैग में कुछ लेकर पहुंचे ईडी वाले तो नोट गिनने की मशीन का किया जाने लगा दावा..
दोपहर करीब एक बजे के आसपास विशाल चौधरी के अशोक नगर रोड नंबर छह स्थित आवास में ईडी के अधिकारी प्रिंटर व दो बैग लेकर पहुंचे थे। अनुमान लगाया जा रहा था कि उस बैग में नोट गिनने की मशीन होगी। हालांकि, ईडी के अधिकारिक सूत्रों ने इसे खारिज किया और बताया कि उतनी राशि भी नहीं मिली है, जिसे गिनने के लिए मशीन लगाना पड़े।
कचरे से मिले दो दर्जन से अधिक आइपीएस अधिकारियों के नाम..
अरगोड़ा चौक के समीप स्थित फ्रंटलाइन एंड विनायका ग्रुप के दफ्तर में जब ईडी की छापेमारी चल रही थी, उस वक्त कार्यालय के बाहर कचरे में कई संदिग्ध दस्तावेज भी दिखे। उक्त दस्तावेज में एक पेपर ऐसा था, जिसमें दो दर्जन आइपीएस अधिकारियों के नाम थे। इसके अलावा कई ऐसे कागजात दिखे जो झारखंड बिवरेजेज कारपोरेशन लिमिटेड में प्लेसमेंट एजेंसियों के टेंडर से संबंधित थे। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि विशाल चौधरी की उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग में भी अच्छी पकड़ थी।
दो साल में विदेश भ्रमण पर तीन करोड़ खर्च कर चुका है विशाल चौधरी..
ईडी सूत्रों से यह जानकारी सामने आई है कि जिस विशाल चौधरी के यहां छापेमारी हुई है, वह विदेश भ्रमण का शौकीन रहा है। पिछले दो वर्षों के दौरान उसने तुर्की, स्विट्जरलैंड, श्रीलंका, इंडोनेशिया, यूएई सहित कई देशों का दौरा कर चुका है। मिली जानकारी के अनुसार दो साल में विदेश भ्रमण पर वह तीन करोड़ रुपये से ज्यादा राशि खर्च कर चुका है। उसके नोएडा (दिल्ली) व नैनीताल में होटल खरीदने की चर्चा है। मुजफ्फरपुर में उसने पिता के लिए करोड़ों रुपये का फर्नीचर का शोरूम खोला है। देश के विभिन्न हिस्सों में 15 रेस्टोरेंट खोलने की भी सूचना मिली है। बताया जा रहा है कि जिस स्कूल में बेटा पढ़ता है, उसकी सालाना फीस 40 लाख रुपये हैं।