चारा घोटाला को उजागर करने वाले IAS अधिकारी अमित खरे हुए रिटायर..

रांची: चारा घोटाला मामले का पर्दाफाश करने वाले अधिकारी अमित खरे आज सेवानिवृत्‍त हो गए। वे भारतीय प्रशासनिक सेवा में 1985 बैच के झारखंड कैडर के अधिकारी थे। 36 साल के शानदार करियर के दौरान उन्होंने भारत सरकार, झारखंड और बिहार सरकार में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वहन किया। उनके नेतृत्व में करीब 34 सालों के बाद भारत में नई शिक्षा नीति 2020 लागू किया गया। विशेषज्ञों ने इस नीति को भारत को विश्वगुरु बनाने का मास्टर प्लान बताया है। अपने कार्यकाल में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने कई क्रांतिकारी बदलाव किए। आइआइटी, आइआइएम जैसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों को विश्वस्तरीय बनाने पर जोर दिया। तकनीकी संस्थानों में इनोवेशन को बढ़ावा दिया। इसका फायदा देश की जनता को कोविड काल में देखने को मिला। अमित खरे अगस्त 2021 तक केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण सचिव के अतिरिक्त प्रभार में भी रहे। अपने कार्यकाल में डीडी झारखंड सहित एक दर्जन सैटेलाइट चैनल लांच किया।

वहीं दूरदर्शन और आकाशवाणी को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। इनकी आधारभूत संरचना को मजबूत बनाने की योजना को अमली जामा पहनाया। वहीं डिजि‍टल मीडिया पॉलिसी सहित प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की मजबूती के लिए कई कदम उठाए। ओटीटी प्लेटफार्म को लेकर पालिसी को अंतिम रूप दिया। अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव गोवा को वैश्विक पहचान दिलाने की कोशिश की और राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति के भाषणों का संकलन सहित कई महत्वपूर्ण विषयों पर पुस्तकों का प्रकाशन कराया।

खरे झारखंड के पहले वाणिज्यकर आयुक्त थे। शिक्षा, वित्त और राज्यपाल के प्रधान सचिव से लेकर विकास आयुक्त का पद भी उन्‍होंने संभाला। चाईबासा का उपायुक्त रहते हुए डायन हत्या के खिलाफ सामाजिक जागरुकता अभियान चलाया। इससे राष्ट्रीय स्तर पर डायन हत्या के खिलाफ विमर्श शुरू हुआ। पटना, दरभंगा के जिलाधिकारी रहे और बिहार में मेडिकल और इंजीनियरिंग की परीक्षा कंबाइंड करा कर मेधा घोटाला को रोका।

अमित खरे ने चारा घोटाले का पर्दाफाश किया। चाईबासा उपायुक्त के पद पर रहते हुए उन्होंने चारा घोटाला में पहली एफआइआर दर्ज कराई। इसके बाद कई हाईप्रोफाइल नेता और अधिकारी जेल गए और उन्हें सजा मिली। बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद को भी सजा हुई। इस वजह से उन्हें कुछ दिनों तक तत्कालीन शासन का कोपभाजन भी बनना पड़ा था, लेकिन वे अपने कर्तव्य पथ पर अडिग रहे।

वर्ष 1961 में जन्मे अमित खरे की प्रारंभिक शिक्षा रांची के हिनू स्थित केंद्रीय विद्यालय से हुई। इसके बाद सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. श्री खरे के बड़े भाई अतुल खरे भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी रहे हैं। इधर, श्री खरे की पत्नी भी IAS ऑफिसर हैं। श्री खरे की पत्नी निधि खरे भी झारखंड के कई विभागों में महत्वपूर्ण जिम्मेवारी निभा चुकी है। श्रीमती खरे फिलहाल केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में अपर सचिव के पद पर तैनात हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

×