कॉरिडोर के निर्माण पर काटे जाएंगे 100 साल से भी पुराने सैंकड़ों पेड़..

Jharkhand: रांची से वाराणसी तक सड़क का निर्माण किया जा रहा है। सड़क के निर्माण के बाद 10 घंटे की यात्रा 6 घंटे में ही पूर्ण हो जाएगी। रांची-वाराणसी इकोनमिक कॉरिडोर का काम शुरू हो गया है। रांची से वाराणसी तक बनने वाली सड़क पर करीब सात हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाने है।

10 घंटे की दूरी हो जाएगी 6 घंटे की...
रांची से वाराणसी के बीच कारिडोर के बनने के बाद 10 घंटे की दूरी घटकर 6 घंटे की हो जाएगी। लोहरदगा, कुड़ू, गढ़वा, खजुरी और यूपी के विंढमगंज होते हुए 260 किलोमीटर की दूरी तय कर बनारस पहुँचेगी।

सड़क चौड़ीकरणपर पेड़ों को होगा नुकसान…
रांची-वाराणसी इकोनमिक कारिडोर बनने जा रही यह सड़क (एनएच 75) वर्ष 1914 के भूमि सर्वे से पहले से अस्तित्व में रही है। सड़क निर्माण के बाद यात्रियों को सुविधा तो मिलेगी लेकिन सड़क चौड़ीकरण करने के दौरान सैकड़ो साल पुराने इमारती और पेड़ भी काटे जाएंगे। अनुमानित लगाया गया है कि काटे जाने वाले पेड़ों की संख्या लगभग एक हजार से अधिक है फिलहाल कटने वाले पेड़ों की गिनती पूरी नहीं हो पाई है।

100 साल पुराने पेड़ों को काटा जाएगा…
एनएच 75 पर रांची-वाराणसी इकोनमिक कारिडोर के निर्माण होने पर सड़क किनारे लगे हरे-भरे महुआ, आम, सागवान, शीशम सहित कई इमारती पेड़ पौधे सालों से खड़े है। सड़क निर्माण होने पर चौड़ा करने के दौरान सालों से खड़े पेड़ को काटा जाएगा। खजुरी से उत्तर प्रदेश के विंढ़मगंज तक कुल 42 किलोमीटर सड़क बनाई जानी है। सड़क के चौड़ीकरण के दौरान दोनों किनारों पर लगाए गए पेड़ भी काटे जाएंगे। इस क्रम में 100 साल से भी पुराने सैंकड़ों पेड़ कट जाएंगे।

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