नौकरी पर पुनः बहाली को लेकर अस्पताल के सुरक्षाकर्मियों ने स्वास्थ्य मंत्री से लगाई गुहार..

सदर अस्पताल, पीएचसी और सीएचसी की कार्यसेवा से हटाए गए सुरक्षाकर्मियों ने बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के आवास के सामने धरना दिया | इसी दौरान स्वास्थय मंत्री से बात नहीं होने पर सुरक्षाकर्मियों ने मंत्री जी की गाड़ी रोकी | लेकिन स्वास्थ्य मंत्री के सुरक्षा में तैनात जवानों के समझाने पर सुरक्षाकर्मियों ने मंत्री बन्ना गुप्ता को जाने दिया | वहीं रांची जिला सुरक्षा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष मोबिन अंसारी ने बताया कि 155 सुरक्षाकर्मी स्वास्थ्य मंत्री से आग्रह करने आये थे | लेकिन स्वास्थ्य मंत्री के पास एक मिनट का भी वक्त नहीं था कि वह हमारी समस्याएं को सुन सके |

सुरक्षा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष मोबिन अंसारी ने बताया कि बेरोजगारी के वजह से तीन लोगों ने आत्महत्या कर लिया है |उन्होंने बताया कि पहले स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था कि आपकी मांगों पर विचार करते हुए पुनः बहाल किया जायेगा | लेकिन अब तो हमारी बातों को भी नहीं सुना गया है | मोबिन अंसारी ने कहा कि हमें बहाल नहीं किया जाता है तो हम भूख हड़ताल करेंगे | हालांकि स्वास्थय मंत्री ने सुरक्षाकर्मियों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर विचार किया जायेगा |

सुरक्षा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष मोबिन अंसारी ने बताया कि सदर अस्पताल , सीएचसी और पीएचसी में कार्यरत सुरक्षाकर्मियों की संख्या 155 है | आपको बता दें कि एक मार्च 2019 को सुरक्षाकर्मियों को काम से हटा दिया गया था | जानकारी के अनुसार , सभी सुरक्षाकर्मीयों को प्राइवेट एजेंसी के माध्यम से 3500 रुपये से 6400 रुपये की मानदेय मिलती थी | इसी वेतन पर सुरक्षाकर्मी अपनी सेवा दे रहे थे | सरकार ने इन्हें हटा कर होमगार्ड के जवानों को ड्यूटी पर लगा दिया | जिससे ये बेरोज़गार हो गए | इन सुरक्षाकर्मियों ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास और स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी से भी कई बार गुहार लगाईं | फिर भी इन्हें नौकरी पर वापस बहाल नहीं किया गया |वहीं , गठबंधन की सरकार बनने के बाद सुरक्षा कर्मचारी संघ के सदस्य मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से भी वापस नौकरी देने की गुहार लगा चुके हैं | इसके बावजूद अब तक इन्हें बहाल नहीं किया गया है |