झारखंड के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के किताबों की होम डिलेवरी होगी। पहली से 10वीं कक्षा तक के बच्चों को सत्र 2021-22 की किताबें उनके घरों तक पहुंचाई जाएंगे। स्कूली शिक्षा विभाग को गृह कारा व आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से हरी झंडी मिल गई है।
झारखंड राज्य शिक्षा परियोजना के निदेशक शैलेश कुमार चौरसिया ने बताया कि झारखंड के लगभग 40 लाख बच्चों को निःशुल्क किताब मुहैया कराई जाएंगी। लॉकडाउन के कारण पढ़ाई बाधित न हो और बच्चों को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए किताब उनके घर तक पहुंचाने का निर्णय लिया गया है।
प्रखंडों तक पहुंच गई हैं किताब..
शैलश कुमार चौरसिया ने बताया कि बच्चों की किताबें प्रखंडों तक पहुंच गई हैं। इसके बांटने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई थी लेकिन अप्रैल में कोरोना की दूसरी लहर आ जाने के कारण ये काम पूरी तरह प्रभावित हो गया था। गृह कारा व आपदा प्रबंधन विभाग से अनुमति मिलने के बाद इसे दोबारा से शुरू कर दिया जाएगा।
किताबों को बंटवाना SMC की जिम्मेदारी..
किताबों को छपवाने से लेकर उसे जिला तक पहुंचाने की जिम्मेदारी राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक की होती है। जिले से प्रखंड तक किताब जिला शिक्षा पदाधिकारी की देखरेख में पहुंचती है। वहां से स्कूल आ जाने के बाद स्कूल प्रबंधन समिति (SMC) से मश्विरा के बाद इसे बच्चों तक पहुंचाया जाता है।
पहले से आठवीं, 9वीं और 11 वीं के बच्चों को बिना परीक्षा के प्रमोट किया गया..
झारखंड में पहली से 8वीं तक के लगभग 27 लाख छात्रों को बिना परीक्षा के ही अगली क्लास में प्रमोट कर दिया गया है। इसके अलावा 9वीं और 11वीं के 8 लाख बच्चों को भी बिना परीक्षा के ही अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया गया है। 10वीं और और 12वीं बोर्ड की परीक्षा पर सरकार की तरफ से अभी तक निर्णय नहीं लिया गया है।