रांची: झारखंड में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए सरकार ने राज्य के विभिन्न जिलों में 17 नए डिग्री कॉलेज खोलने की योजना बनाई है। इसका उद्देश्य राज्य में उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (ग्रास इनरोलमेंट रेशियो – GER) को बढ़ाना और कॉलेजों की उपलब्धता को बेहतर बनाना है।
उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने इस योजना के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है और अब इसे वित्त विभाग की स्वीकृति के लिए भेजा गया है। प्रस्ताव के अनुसार, पहले चरण में रांची जिले में तीन और खूंटी में दो नए डिग्री कॉलेजों की स्थापना की जाएगी।
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इन क्षेत्रों में होंगे नए कॉलेज:
रांची के लापुंग, बुढ़मू और तमाड़ में डिग्री कॉलेज खोले जाएंगे। खूंटी जिले के अड़की और तोरपा में कॉलेज खोले जाने की योजना है। इसके अलावा 11 अन्य जिलों — देवघर (सारवां), गढ़वा (नगर उंटारी), चतरा (लावालौंग), लातेहार (बरवाडीह), रामगढ़ (पतरातू), हजारीबाग, पश्चिमी सिंहभूम, दुमका, पलामू और अन्य स्थानों में भी नए कॉलेज स्थापित किए जाएंगे।
कमी को दूर करेगा यह कदम:
झारखंड में वर्तमान में कॉलेजों की भारी कमी है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की एआईएसएचई 2021-22 रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में 18 से 23 वर्ष की आयु वर्ग की एक लाख आबादी पर केवल आठ कॉलेज उपलब्ध हैं, जबकि राष्ट्रीय औसत 30 कॉलेज प्रति लाख है।
बिहार के बाद झारखंड देश में ऐसा राज्य है, जहां कॉलेजों में सबसे अधिक छात्रों की भीड़ होती है। एक कॉलेज में औसतन 1,848 छात्रों का नामांकन होता है, जबकि बिहार में यह संख्या 2,088 और चंडीगढ़ में 1,888 है।
नामांकन अनुपात में सुधार की कोशिश:
राज्य में वर्तमान में उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात 18.6 है। हालांकि छात्राओं का नामांकन अनुपात छात्रों से थोड़ा अधिक है — छात्राओं का 18.7% जबकि छात्रों का 18.6% है। अनुसूचित जनजाति वर्ग में यह अनुपात और भी कम है। यहां छात्राओं का नामांकन अनुपात 14.7% और छात्रों का मात्र 13.1% है।
जमीन की व्यवस्था के निर्देश:
इन सभी प्रस्तावित कॉलेजों के लिए जमीन की व्यवस्था संबंधित जिलों के उपायुक्तों को करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि कॉलेज निर्माण की प्रक्रिया शीघ्र शुरू हो सके।
यह पहल झारखंड के युवाओं को उच्च शिक्षा के और अधिक अवसर प्रदान करेगी और शिक्षा में क्षेत्रीय असमानताओं को भी दूर करने में मददगार साबित होगी।