बाबूलाल मरांडी के खिलाफ दल बदल मामले की सुनवाई पर हाईकोर्ट की रोक..

भाजपा विधायक बाबूलाल मरांडी के खिलाफ दल बदल मामले में स्पीकर के न्यायाधिकरण में सुनवाई करने पर झारखंड हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने स्पीकर को इस मामले की सुनवाई को फिलहाल ठंडे बस्ते में डालने को कहा है। अदालत ने स्पीकर को नोटिस जारी करते हुए जवाब देने का निर्देश दिया है।

इसी अदालत ने भाजपा नेता विरंची नारायण की याचिका पर भी स्पीकर और सरकार को नोटिस कर जवाब देने को कहा है। विरंची नारायण ने बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष के रूप में मान्यता देने का अग्रह कोर्ट से किया है। दोनों मामलों की सुनवाई 13 जनवरी को होगी।

बाबूलाल मरांडी पर झारखंड के स्पीकर ने स्वत: संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी कर दल बदल मामले की सुनवाई शुरू की है। बाबूलाल मरांडी ने स्पीकर के इस नोटिस को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। बाबूलाल की ओर से कहा गया है कि स्पीकर को दल बदल मामले में स्वत: संज्ञान लेने का अधिकार ही नहीं है। दल बदल मामले में स्पीकर तभी संज्ञान ले सकते हैं जब किसी ने इसकी शिकायत की हो। इस मामले में किसी ने उनके खिलाफ शिकायत नहीं की है। ऐसे में स्पीकर का स्वत: संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी करना गलत है और यह उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है।

जबकि विधानसभा की ओर से पक्ष रखते हुए महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि स्पीकर को स्वत: संज्ञान लेने का अधिकार दसवीं अनुसूचि में है। स्पीकर ने अपने अधिकार का उपयोग कर स्वत: संज्ञान लिया है और सुनवाई कर रहे हैं। स्पीकर की कार्यवाही में हाईकोर्ट को हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। सुनवाई के बाद अदालत ने स्पीकर को दल बदल मामले पर फिलहाल सुनवाई (किप इट अवेंयस) नहीं करने का निर्देश दिया।

उधर इसी अदालत ने भाजपा विधायक विरंची नारायण की याचिका पर सुनवाई करते हुए स्पीकर और सरकार को नोटिस जारी कर 13 जनवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। विरंची नारायण ने याचिका में कहा है कि बाबूलाल मरांडी ने अपनी पार्टी झारखंड विकास मोर्चा का विलय भाजपा में किया है। चुनाव आयोग ने भी भाजपा में झारखंड विकास मोर्चा के विलय को सही बताते हुए बाबूलाल को भाजपा का विधायक माना है। भाजपा ने बाबूलाल मरांडी को अपना विधायक दल का नेता चुना है, लेकिन स्पीकर उन्हें नेता प्रतिपक्ष के रूप में मान्यता नहीं दे रहे हैं। अदालत से बाबूलाल मरांडी को प्रतिपक्ष के नेता के रूप में मान्यता देने का आग्रह किया गया है।

Source : Hindustan