2016 में हुए राज्यसभा चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग मामले के अभियुक्त निलंबित एडीजी अनुराग गुप्ता की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने 11 अगस्त तक अनुराग गुप्ता के गिफ्तारी पर रोक लगा दी है। ।हालांकि झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने निचली अदालत में चल रहे मामलों पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया है।साथ ही राज्य सरकार से इस मामले में विस्तृत जवाब मांगा है।मामले की अगली सुनवाई 11 अगस्त को होगी।लेकिन इस मामले में जांच अभी भी जारी रहेगा।
पूर्व एडीजी अनुराग गुप्ता ने हाईकोर्ट में आवेदन देकर उनके खिलाफ पीसी एक्ट जोड़े जाने को चुनौती दी। सुनवाई के दौरान एडीजी के वकील ने कहा कि इस मामले में सीआरपीसी के प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है। उनके खिलाफ पीसी एक्ट का कोई मतलब नहीं बनता है। इसके साथ ही एडीजी के वकील ने कहा कि मामला साल 2016 का है और प्राथमिकी दर्ज 2018 में हुई हैं। इसके बाद भी अभी तक मामले की जांच नहीं हो पाई है। इसी कारण उन्हें 2020 में निलंबित किया गया। इसलिए निचली अदालत में पीसी एक्ट लगाने की प्रक्रिया पर रोक लगाया जाए।
हालांकि वहीं सरकार की ओर से इसका विरोध हुआ और कहा गया कि जांच में एडीजी के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले है। जिसके आधार पर अनुसंधान अधिकारी ने कोर्ट से पीसी एक्ट लगाने का अनुरोध किया है।