उच्च न्यायालय ने मैट्रिक और इंटर के 17 हजार छात्रों को दी बड़ी राहत..

रांची: झारखंड उच्च न्यायालय ने मैट्रिक और इंटरमीडिएट के 17 हजार छात्रों को बड़ी राहत दी है। जिन्होंने बिना 9वीं और 11वीं की वार्षिक परीक्षा दिए और पुनर्पंजीयन के तहत परीक्षा फॉर्म भरा है। जैक इन छात्रों का प्रवेश पत्र जारी नहीं कर रहा था। इसके खिलाफ झारखंड गैर सरकारी विद्यालय संघ के अध्यक्ष मो. ताहिर ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। जिसके बाद उच्च न्यायालय ने दो सप्ताह के अंदर इन सभी छात्रों का प्रवेश पत्र करने का निर्देश दिया है। साथ ही उच्च न्यायालय ने कहा है कि जिन छात्रों ने नवीं और ग्यारहवीं की परीक्षा दिए बिना ही परीक्षा फॉर्म भरा है, उनकी नवीं और ग्यारहवीं के अर्धवार्षिक परीक्षा के अंकों को आधार बनाया जाए।

गैर सरकारी स्कूल संघ के अध्यक्ष मो. ताहिर ने उच्च न्यायालय के आदेश आने के बाद कहा है कि यह 17 हजार छात्रों की बड़ी जीत है। उम्मीद है कि जैक उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए छात्रों का प्रवेश पत्र जारी करेगा।

जैक ने जिन छात्रों का प्रवेश पत्र रोका था उसमें अधिकतर ऐसे छात्र थे, जिन्होंने 9वीं और 11वीं की वार्षिक परीक्षा दिए बिना ही मैट्रिक और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा का फॉर्म भर दिया था। यह नियम के विरुद्ध है और इसके लिए स्कूल पूरी तरह से जिम्मेदार है। संघ का तर्क था कि को कोविड की वजह से कई छात्र 2020 में परीक्षा फॉर्म नहीं भर पाए। वहीं कई छात्र नौवीं और 11वीं की परीक्षा नहीं दे पाए। लेकिन जब छात्रों ने परीक्षा फॉर्म भरा, तो जैक को उस समय ही रद्द कर देना चाहिए था।

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