हेमंत सोरेन की 1.76 लाख किसानों को बड़ी सौगात, 400.66 करोड़ का कृषि लोन माफ…..

राज्य के 1.76 लाख से अधिक किसानों को बड़ी राहत दी, जब उन्होंने 400.66 करोड़ रुपये का कृषि लोन माफ किया. यह निर्णय राज्य के किसानों के लिए एक बड़ा तोहफा माना जा रहा है, क्योंकि इसे कृषि ऋण माफी योजना के तहत लागू किया गया है. राजधानी रांची के प्रभाततारा मैदान में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान इस राशि को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से किसानों के खातों में स्थानांतरित किया गया. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ राज्य के वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव, कृषि मंत्री दीपिका पांडेय सिंह और पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर समेत कई प्रमुख नेता उपस्थित थे.

हेमंत सोरेन सरकार की बड़ी सौगात

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मौके पर किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि यह सिर्फ ऋण माफी का आयोजन नहीं है, बल्कि यह किसानों के सम्मान का एक महाजुटान है. उन्होंने कहा कि झारखंड की 80 फीसदी आबादी ग्रामीण इलाकों में निवास करती है और उनका जीवन पूरी तरह से खेती-बाड़ी पर निर्भर है. इन किसानों के पास बैंकों में ज्यादा जमा पूंजी नहीं होती और वे बहुत मेहनत-मजदूरी करके अपने बैंक खातों में पैसे जमा कर पाते हैं. किसानों के लिए उनका खेत ही उनका बैंक है और उनका खलिहान ही उनका एटीएम. इस ऋण माफी योजना के तहत राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि जिन किसानों ने बैंकों से दो लाख रुपये तक का कर्ज लिया था, वह अब माफ कर दिया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के छोटे और मध्यम किसानों के लिए यह एक बड़ा राहत पैकेज है, जो कई वर्षों से आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे थे. राज्य में किसानों की स्थिति को सुधारने के लिए यह कदम एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जिससे उन्हें राहत मिलेगी और वे अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकेंगे.

झारखंड कृषि ऋण माफी योजना

झारखंड के कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की ओर से धुर्वा के प्रभाततारा मैदान में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य के किसानों को आर्थिक राहत प्रदान करना था. मुख्यमंत्री ने इस मौके पर 1,76,977 किसानों के लिए 400 करोड़ 66 लाख रुपये की ऋण माफी की घोषणा की. इसके तहत दो लाख रुपये तक के कृषि लोन को माफ कर दिया गया है. मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम में साफ तौर पर कहा कि राज्य के किसान अपने खेतों में दिन-रात मेहनत करते हैं, और ऐसे में राज्य सरकार का यह कर्तव्य है कि उन्हें आर्थिक कठिनाइयों से उबारा जाए. कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने किसानों से यह भी कहा कि यह योजना सिर्फ ऋण माफी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राज्य के किसानों के सम्मान और उनके विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है. उन्होंने कहा कि राज्य की अधिकांश आबादी खेती-बाड़ी पर निर्भर है, और ऐसे में सरकार का यह प्रयास है कि किसानों को सम्मान और आत्मनिर्भरता प्रदान की जाए.

किसानों की स्थिति और सरकारी प्रयास

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने भाषण में राज्य में किसानों की स्थिति पर चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि राज्य के किसान कई वर्षों से आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं, खासकर तब, जब उन्हें बैंकों से कर्ज लेना पड़ता है. उन्होंने कहा कि कई किसान अपनी फसलों की सही कीमत नहीं मिल पाने और प्राकृतिक आपदाओं के कारण आर्थिक रूप से कमजोर हो गए थे. ऐसे में राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि जिन किसानों ने बैंकों से कर्ज लिया था, उन्हें राहत दी जाए. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह ऋण माफी केवल एक शुरुआत है. राज्य सरकार आने वाले समय में और भी योजनाएं लाने वाली है, जिससे किसानों को सीधे लाभ पहुंचेगा. उन्होंने किसानों को यह भी आश्वासन दिया कि सरकार उनके हित में काम करती रहेगी और उनके हर संकट को दूर करने का प्रयास करेगी.

कार्यक्रम में नेताओं की उपस्थिति

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ इस विशेष कार्यक्रम में राज्य के कई प्रमुख नेता भी उपस्थित थे. इनमें वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव, कृषि मंत्री दीपिका पांडेय सिंह, और पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर शामिल थे. इन नेताओं ने भी किसानों को संबोधित किया और उन्हें सरकार की नीतियों और योजनाओं के बारे में जानकारी दी. डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि राज्य सरकार का यह कदम किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है. उन्होंने कहा कि इस ऋण माफी योजना से राज्य के हजारों किसान अब कर्ज के बोझ से मुक्त हो जाएंगे और वे अपने खेतों में नई उम्मीद के साथ काम कर सकेंगे. कृषि मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि यह योजना राज्य में कृषि विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने हमेशा से किसानों के हित में काम किया है और यह योजना भी उसी दिशा में एक कदम है.

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