झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को हजारीबाग के नगवां सिंदूर मैदान में एक महत्वपूर्ण घोषणा की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मंईयां सम्मान योजना के तहत उन परिवारों को सालाना 60,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी, जिनके घर में तीन महिलाएं और बुजुर्ग सदस्य हैं. इसके अलावा, अगर उनकी सरकार फिर से सत्ता में आती है, तो प्रत्येक परिवार को एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में अब ऐसा कोई घर नहीं होगा जहां सरकार की किसी न किसी योजना का लाभ न पहुंचे. इस दौरान उन्होंने मंईयां सम्मान योजना को अपनी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक बताया और कहा कि 42 लाख से अधिक महिलाओं को इस योजना से जोड़ा गया है.
महिलाओं और बुजुर्गों के लिए विशेष योजनाएं
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार ने 21 से 49 वर्ष की उम्र की महिलाओं को मंईयां सम्मान योजना से जोड़ा है, जिसमें उन्हें प्रति माह एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है. वहीं, 50 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को पेंशन योजना के तहत आर्थिक मदद दी जा रही है. उन्होंने कहा, “हमारी सरकार जन्म से जीवन के अंतिम पड़ाव तक हर नागरिक का ख्याल रख रही है”.
शिक्षा और रोजगार में सहयोग
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि राज्य के बेटे-बेटियों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है और उनके शिक्षण खर्च का जिम्मा सरकार उठा रही है. उन्होंने स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का भी जिक्र किया, जिसके तहत छात्रों को बिना किसी गारंटी के 15 लाख रुपये तक की ऋण सहायता प्रदान की जा रही है. यह योजना राज्य के युवाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मदद करेगी और उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराएगी.
सामाजिक सुरक्षा पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार की पहली प्राथमिकता सामाजिक सुरक्षा है. इसी के तहत हजारीबाग प्रमंडल के सात जिलों की 13,94,082 महिलाओं के बैंक खातों में पहली किस्त के रूप में एक-एक हजार रुपये की राशि भेजी जा रही है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार मां, बहन और बेटियों की सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, जबकि पहले की सरकारों ने इस दिशा में कुछ भी ठोस नहीं किया. उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने महिलाओं और बुजुर्गों की सुरक्षा के बजाय बेईमानों की सुरक्षा की.
महिलाओं से सीधा संवाद
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान उपस्थित महिलाओं से सीधा संवाद करते हुए पूछा कि क्या वे आगे भी मंईयां सम्मान योजना का लाभ चाहती हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार महिलाओं के मान-सम्मान और गौरव को बढ़ाने के लिए काम कर रही है और आगे भी यह जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि अगर सरकार अच्छा काम कर रही है तो विरोधियों को यह पसंद नहीं आ रहा, लेकिन जनता को उनके बहकावे में नहीं आना चाहिए.
विपक्ष पर तीखा हमला
विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बरसात के मौसम में कई मेंढ़क टर्र-टर्र करते नजर आएंगे, जो आपका ध्यान भटकाने की कोशिश करेंगे. लेकिन, जनता को उनके जाल में फंसने से बचना चाहिए. उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि उन्होंने राज्य को संभालने में नाकाम होने के बाद बाहर से नेताओं को बुलाकर झारखंड को बांटने की कोशिश की है. मुख्यमंत्री ने कहा, “भाजपा ने मुझे साजिश के तहत जेल भेज दिया, लेकिन अब मैं पांच-छह महीने के बाद जेल से बाहर आकर आपके बीच हूं. मुझ पर लगाए गए सभी आरोप झूठे साबित हुए हैं. अब भाजपा के नेता राज्य को संभाल नहीं पा रहे हैं, इसलिए असम, मध्यप्रदेश और गुजरात से नेताओं को बुलाकर झारखंड को बांटने की कोशिश कर रहे हैं”. उन्होंने कहा कि भाजपा ने राज्य में कभी हिंदू-मुसलमान का मुद्दा उठाया, तो कभी अगड़ा-पिछड़ा का खेल खेला. अब वे आपदा को भी हिंदू-मुसलमान में बांटने की कोशिश कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा ने लव जेहाद और लैंड जेहाद के बाद अब बाढ़ जेहाद का मुद्दा उठा दिया है और झारखंड के मूलवासियों, दलितों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को छीनने की साजिश रची जा रही है.
उपस्थित नेता और मंत्री
इस कार्यक्रम में कई प्रमुख नेता और मंत्री भी उपस्थित थे, जिनमें श्रम एवं कौशल विकास मंत्री सत्यानंद भोगता, समाज कल्याण मंत्री बेबी देवी, कृषि मंत्री दीपिका पांडेय सिंह, विधायक मथुरा महतो, कल्पना सोरेन, सुदीव्य कुमार सोनू, अनूप कुमार सिंह, विनोद कुमार सिंह, अंबा प्रसाद और उमाशंकर अकेला शामिल थे. उन्होंने भी कार्यक्रम को संबोधित किया और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व की सराहना की.