हेमंत सोरेन करेंगे भोगनाडीह से उलगुलान की शुरुआत..

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 30 जून से भोगनाडीह से उलगुलान की शुरुआत करेंगे. यह अभियान राज्य के सभी 81 विधानसभा क्षेत्रों में जाएगा. हेमंत सोरेन झारखंड में इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करेंगे और साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर भी रणनीति बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. 30 जून को हूल दिवस के अवसर पर सोरेन भोगनाडीह जायेंगे, जहां से इस अभियान की विधिवत शुरुआत की जाएगी.

जेल से बाहर आने के बाद नया अवतार
हेमंत सोरेन जेल से बाहर आने के बाद एक नए तेवर में नजर आ रहे हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के वरिष्ठ नेता ने बताया कि हेमंत सोरेन अब चुपचाप बैठने वालों में से नहीं हैं. हूल दिवस के दिन भोगनाडीह से भाजपा के खिलाफ जो उलगुलान शुरू होगा, वह पूरे राज्य में फैल जाएगा. इस उलगुलान के तहत वह हर पंचायत और गांव में जाएंगे और लोगों से मिलकर आभार जताएंगे. हेमंत सोरेन के साथ-साथ कल्पना और मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन भी कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे. बता दें कि झामुमो की पूरी रणनीति अब हेमंत ही तय करेंगे और विधानसभा चुनाव का बिगुल भी उन्हीं के नेतृत्व में बजाया जाएगा.

विधानसभा चुनाव पर फोकस
इस वर्ष नवंबर-दिसंबर में झारखंड विधानसभा चुनाव होने वाला है, जो अब से चार महीने बाद ही होगा. वहीं झामुमो में नेतृत्व संकट था, जिसे कल्पना ने मैदान में उतरकर दूर कर दिया था. पर, अब हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद इंडिया गठबंधन को राज्य में नेतृत्व देंगे. राष्ट्रीय स्तर पर भी इंडिया गठबंधन के साथ रणनीति बनाने में वह शामिल रहेंगे. खबर है कि सोरेन शीघ्र ही दिल्ली जाएंगे और इंडिया गठबंधन के नेताओं से मिलकर आगामी चुनावों के लिए रणनीति बनाएंगे

चुनाव आयोग को चुनौती
झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने चुनाव आयोग को चुनौती देते हुए कहा है कि हेमंत सोरेन अब जेल से बाहर आ गए हैं. चुनाव आयोग जब चाहे झारखंड में विधानसभा चुनाव करा सकता है, साथ ही भाजपा को सिंगल डिजिट पर रोकने का दावा भी किया गया है।

भगवान बिरसा को नमन
झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि सबसे पहले शनिवार को हेमंत सोरेन बिरसा चौक जाकर भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे। इसके बाद वे कार्यकर्ताओं से मिलेंगे और अगली रणनीति तय करेंगे।

आभार यात्रा
हेमंत सोरेन की यह आभार यात्रा झारखंड में राजनीतिक समीकरणों को बदल सकती है. हूल दिवस के अवसर पर शुरू होने वाला यह अभियान पूरे राज्य में लोगों से जुड़ने और समर्थन हासिल करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा. सोरेन हर पंचायत और गांव में जाकर लोगों के प्रति आभार व्यक्त करेंगे. वहीं उनके साथ झामुमो की पूरी टीम कंधे से कंधा मिलाकर चलेगी.

झामुमो की रणनीति
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपनी पूरी रणनीति हेमंत सोरेन के नेतृत्व में केंद्रित कर दी है. हेमंत सोरेन जेल से बाहर आने के बाद अपने तेवर दिखा चुके हैं और अब वह राज्य में इंडिया गठबंधन को मजबूत करने के लिए तैयार हैं. उनकी आभार यात्रा और उलगुलान अभियान से झामुमो को विधानसभा चुनाव में बड़ी सफलता मिलने की उम्मीद है.

राष्ट्रीय स्तर पर भूमिका
हेमंत सोरेन न केवल राज्य में बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी इंडिया गठबंधन के साथ मिलकर चुनावी रणनीति बनाएंगे. दिल्ली जाकर वे गठबंधन के नेताओं से मिलेंगे और आगामी चुनावों के लिए रणनीति पर चर्चा करेंगे. इससे झारखंड में इंडिया गठबंधन की स्थिति मजबूत होगी और भाजपा को कड़ी चुनौती मिलेगी.

हूल दिवस का महत्व
हूल दिवस का झारखंड के आदिवासियों के लिए विशेष महत्व है. इस दिन को संथाल विद्रोह के रूप में मनाया जाता है, जब संथालों ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ विद्रोह किया था. हेमंत सोरेन ने इस दिन को अपने उलगुलान अभियान की शुरुआत के लिए चुना है, जो उनके संकल्प और आदिवासी समुदाय के प्रति उनके समर्थन को दर्शाता है.

 

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