हेमंत सोरेन का बीजेपी पर हमला, बोले “आदिवासियों को ‘बोका’ समझते हैं”, परिवार को जेल भेजने की साजिश….

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. रविवार को गुवा में आयोजित एक समारोह में उन्होंने कहा कि उनकी सरकार को अस्थिर करने के प्रयास किए जा रहे हैं और इसके लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है. उन्होंने कहा कि आदिवासियों को कमजोर समझकर बीजेपी उनकी सरकार के खिलाफ साजिश रच रही है.

बीजेपी पर निशाना, आदिवासियों को ‘बोका’ समझते हैं

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बिना किसी का नाम लिए बीजेपी और केंद्र की एनडीए सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि “वो लोग आदिवासियों को ‘बोका’ समझते हैं, मेरे साथ चूहा-बिल्ली का खेल खेल रहे हैं. “हेमंत ने कहा कि उनकी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश पहले दिन से ही शुरू हो गई थी. हर दिन यह खबर चलाई जाती थी कि हेमंत सोरेन अब जेल जाएंगे. दो साल से साजिशें चल रही थीं, उन्हें जेल भी भेजा गया, लेकिन वो बाहर आ गए हैं.

परिवार को जेल भेजने की साजिश

हेमंत सोरेन ने कहा कि बीजेपी अब उनके पूरे परिवार को जेल भेजने की तैयारी कर रही है. उन्होंने कहा कि ईडी और अन्य जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि दो साल तक उन पर आरोप लगाए गए, लेकिन जब कोई सबूत नहीं मिला तो उन्हें जबरदस्ती जेल में डाल दिया गया. उन्होंने कहा कि उन्हें जेल जाने से डर नहीं लगता. उन्होंने कहा, “मैं एक सच्चा झारखंडी हूं, जेल जाने या गोली खाने से नहीं डरता”.

झारखंड: वीरों की धरती

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड हमेशा से वीरों की धरती रही है. उन्होंने कहा कि राज्य के किसी भी कोने में जाएं, वहां आपको वीर शहीदों के नाम सुनने को मिलेंगे. चाहे अन्याय, शोषण और जुल्म के खिलाफ लड़ाई हो या फिर ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ जंग, हमारे आदिवासी और मूलवासी हमेशा संघर्ष करते रहे हैं. उन्होंने अपने मान-सम्मान और स्वाभिमान के लिए कभी झुकना नहीं सीखा, भले ही इसके लिए अपनी कुर्बानी क्यों ना देनी पड़े.

संघर्षों से नहीं डरते आदिवासी

हेमंत सोरेन ने कहा कि आदिवासी मूलवासियों के रगों में जो खून दौड़ रहा है, वह जब उफान लेता है तो अपने हक और अधिकार के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक देता है. उन्होंने कहा कि जितना आदिवासी का खून जमीन पर गिरता है, उतने ही आदिवासी वीर पैदा होते हैं. आदिवासी संघर्षों से बिखरता नहीं है बल्कि और मजबूत होकर सामने आता है. हेमंत ने कहा कि जिस तरह लंबी लड़ाई के बाद झारखंड अलग राज्य बना, उसी तरह अब हम इस राज्य को और मजबूत बनाने का काम कर रहे हैं.

2019 से चुनौतियों का सामना

मुख्यमंत्री ने बताया कि 2019 में उनकी सरकार के गठन के बाद से ही उन्हें लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. कोरोना महामारी के दौरान राज्य और वैश्विक व्यवस्था ठप हो गई थी, लेकिन सरकार ने जीवन और आजीविका को बचाने का कार्य किया. उन्होंने कहा कि सूखा भी एक बड़ी चुनौती रही, लेकिन राज्य सरकार की योजनाएं धरातल पर उतर रही हैं और विकास का नया आयाम गढ़ा जा रहा है.

गरीबी से लड़ाई और सशक्तिकरण

हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य के ग्रामीण इलाकों में आज भी एक बड़ी आबादी गरीबी में जी रही है और बिचौलियों के चंगुल में फंसी हुई है. उन्होंने कहा कि बिचौलियों की भूमिका खत्म करना उनका संकल्प है और इस मकसद से कई योजनाएं लाई गई हैं ताकि लोग इन योजनाओं से जुड़कर सशक्त बन सकें और उन्हें किसी के आगे हाथ फैलाने की जरूरत ना पड़े. मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले 5 वर्षों में हर घर में एक लाख रुपए हर वर्ष पहुंचाने का काम सरकार करेगी.

बेटियों के सशक्तिकरण की बात

मुख्यमंत्री ने कहा कि बेटियां हमारी बोझ नहीं बल्कि मजबूत संपत्ति बनेंगी. उन्होंने कहा कि सरकार बहन-बेटियों के सशक्तिकरण के लिए पूरी ताकत के साथ काम कर रही है. उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे अपनी बेटियों को जरूर पढ़ाएं और पढ़ाई पर होने वाले खर्च की चिंता न करें, क्योंकि सरकार बच्चियों की पढ़ाई का पूरा खर्च उठा रही है. हेमंत सोरेन ने कहा कि वह अपनी बहन-बेटियों के तकलीफ और दुख-दर्द से भली-भांति वाकिफ हैं और इसी के तहत झारखंड मुख्यमंत्री मंइयाँ सम्मान योजना के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बना रहे हैं.

झारखंड की उपेक्षा पर नाराजगी

हेमंत सोरेन ने कहा कि देश-दुनिया में झारखंड की पहचान सोने की चिड़िया के रूप में है, लेकिन यहां के आदिवासी और मूलवासी हमेशा से पिछड़े रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश के नीति निर्धारकों ने झारखंड पर कभी ध्यान नहीं दिया. यहां के लोगों को मजदूरी करने के लिए छोड़ दिया गया और वे रोजी-रोटी के लिए पलायन करने को मजबूर रहे. उन्होंने कहा कि आज भी झारखंड का एक लाख 36 हजार करोड़ रुपए केंद्र पर बकाया है. अगर यह पैसा मिल जाए तो झारखंड की दशा और दिशा पूरी तरह से बदल जाएगी.

96 योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास

मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम में 201 करोड़ 83 लाख 6 हजार 547 रुपए की लागत से 96 योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. इसमें 153 करोड़ 33 लाख 3 हजार 847 रुपए की 77 योजनाओं की नींव रखी गई और 48 करोड़ 50 लाख 2 हजार 650 रुपए की 19 योजनाओं का उद्घाटन हुआ. साथ ही लाभुकों के बीच 103 करोड़ 41 लाख 80 हजार रुपए की परिसंपत्तियां बांटी गईं.

शहादत दिवस में शामिल

शहादत दिवस कार्यक्रम में मंत्री दीपक बिरूवा, सांसद जोबा मांझी, विधायक निरल पूर्ति, विधायक दशरथ गागराई, विधायक सुखराम उरांव, विधायक सोनाराम सिंकू, कोल्हान प्रमंडल के आयुक्त हरि कुमार केशरी, डीआईजी मनोज रतन चौथे, और पश्चिमी सिंहभूम जिले के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक समेत जिला प्रशासन के कई अधिकारी मौजूद रहे.

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