हेमंत सोरेन सरकार ने झारखंड के किसानों के लिए बड़ी सौगात का ऐलान किया है. राज्य सरकार इस साल धान की फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के साथ-साथ प्रति क्विंटल 100 रुपए का बोनस भी देगी. इस निर्णय से राज्य के किसानों को सीधा आर्थिक लाभ मिलेगा और उनके लिए यह एक राहत की खबर है, खासकर तब जब विधानसभा चुनाव करीब हैं और सरकार जनहित में फैसले ले रही है.
झारखंड में 6 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य
सरकार ने इस साल राज्य के किसानों से कुल 6 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा है. हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया, जिसमें कहा गया कि हर साल की तरह इस साल भी सरकार किसानों से खरीफ की फसल खरीदेगी. इस बार एमएसपी के साथ 100 रुपए प्रति क्विंटल बोनस देने की भी घोषणा की गई है. इस फैसले से किसानों को अतिरिक्त आर्थिक सहयोग मिलेगा, जिससे उनकी आय में बढ़ोतरी होगी और वे कृषि कार्य में और मजबूती से लग सकेंगे.
60 करोड़ रुपए का होगा राज्य पर वित्तीय बोझ
इस निर्णय से झारखंड सरकार के खजाने पर 60 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. यह जानकारी कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने दी. उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत राज्य सरकार किसानों को बोनस देने के लिए 60 करोड़ रुपए का प्रावधान करेगी. यह बोनस सीधे किसानों के बैंक खातों में जमा किया जाएगा ताकि उन्हें अपनी फसल बेचने का तुरंत लाभ मिल सके.
साधारण और ए ग्रेड धान का एमएसपी
केंद्र सरकार ने खरीफ की फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) भी घोषित कर रखा है. इस बार साधारण धान का एमएसपी 2300 रुपए प्रति क्विंटल और ए ग्रेड धान का एमएसपी 2320 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है. इस पर झारखंड सरकार ने 100 रुपए प्रति क्विंटल का अतिरिक्त बोनस देने का फैसला किया है, जिससे साधारण धान का मूल्य 2400 रुपए प्रति क्विंटल और ए ग्रेड धान का मूल्य 2420 रुपए प्रति क्विंटल हो जाएगा.
किसानों के लिए बोनस का महत्व
कृषि क्षेत्र में बोनस का ऐलान किसानों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है. इससे पहले, वर्ष 2023-24 में भी झारखंड सरकार ने किसानों को 117 रुपए प्रति क्विंटल का बोनस दिया था. पिछले साल सरकार ने 2300 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीद की थी और राइस मिलर्स को प्रति क्विंटल 60 रुपए का इंसेंटिव भी दिया गया था. इसके चलते धान की खरीद प्रक्रिया में तेजी आई थी और किसानों को उनका बकाया समय पर मिल पाया था. इस साल भी सरकार ने 6 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा है, और किसानों को उम्मीद है कि इस बार भी उन्हें समय पर भुगतान मिलेगा.
विधानसभा चुनाव से पहले किसानों को बड़ी सौगात
झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले, हेमंत सोरेन सरकार ने कई सौगातों का ऐलान किया है. सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता, पेंशनर्स को महंगाई राहत, और जल सहिया को मोबाइल फोन देने के बाद अब किसानों के लिए भी बोनस की घोषणा की गई है. इससे यह साफ संकेत मिलता है कि सरकार आगामी चुनावों के मद्देनजर अपने जनाधार को मजबूत करना चाहती है. किसानों को बोनस देकर हेमंत सोरेन सरकार ने यह संदेश दिया है कि वह किसानों के हितों के प्रति संवेदनशील है और उनकी आय बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है.
झारखंड के किसानों की स्थिति
झारखंड में कृषि मुख्यतः बारिश पर निर्भर है और राज्य के किसान खरीफ की फसल पर बहुत अधिक निर्भर करते हैं. धान यहां की मुख्य फसल है, और किसानों की आय का बड़ा हिस्सा इससे आता है. हालांकि, हर साल सूखा या बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसानों को अपनी फसल में नुकसान उठाना पड़ता है. ऐसे में, सरकार का बोनस और एमएसपी पर फसल की खरीद किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. इससे उन्हें अपनी लागत निकालने और थोड़ा मुनाफा कमाने में मदद मिलेगी.
चुनावी नजरिए से सरकार के फैसले
चुनाव से पहले इस तरह की घोषणाएँ राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण होती हैं. हेमंत सोरेन की सरकार ने इस समय कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं, जिनमें किसानों को बोनस देना, सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देना और अन्य जनहितकारी फैसले शामिल हैं. इन निर्णयों से सरकार का मकसद किसानों और आम जनता के बीच अपना जनाधार मजबूत करना है. यह देखने वाली बात होगी कि विधानसभा चुनावों में यह कदम कितना प्रभावी साबित होता है.
राज्य सरकार की अन्य पहलें
इसके साथ ही, राज्य सरकार ने कई अन्य पहलें भी की हैं, जिनका सीधा लाभ जनता को मिलेगा. महंगाई राहत से लेकर जल सहिया को मोबाइल फोन देने तक, सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में कार्य किया है. यह सब चुनाव से पहले सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों का हिस्सा है, जिनसे जनता को फायदा पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है.
किसानों की प्रतिक्रिया
सरकार के इस फैसले से राज्य के किसानों में खुशी की लहर है. उन्होंने सरकार के इस कदम की सराहना की है और उम्मीद जताई है कि उन्हें इस बार भी समय पर बोनस और एमएसपी का भुगतान मिलेगा. किसानों का मानना है कि इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और वे कृषि के क्षेत्र में अधिक जोश और उत्साह से काम कर सकेंगे.