Jhupdate: झारखंड सरकार जल्द से जल्द नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने की योजना बना रहे हैं वही झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने ट्वीट कर कहा है कि “सीएम हेमंत सोरेन और मैं लगातार एक-दूसरे से इस बारे में सलाह-मशविरा कर रहे है। राज्य से नक्सलवाद को खत्म करने के लिए जल्द ही एक बड़ा प्लान लाया जाएगा। “हमें यकीन है जल्द ही झारखंड से नक्सलवाद को जड़ से खत्म कर दिया जाएगा।”
हेमंत सरकार का नया प्लान….
दरअसल, धुर्वा स्थित सीआरपीएफ कैंप परिसर में सीआरपीएफ कोबरा बटालियन-209 के शहीद जवान को श्रद्धांजलि देने पहुंचे राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, सीएम हेमंत सोरेन और अन्य अधिकारी के समक्ष महामहिम ने ये बातें कही। सीआरपीएफ कोबरा बटालियन-209 के शहीद जवान राजेश कुमार के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि देने के बाद राज्यपाल राधाकृष्णन, भगवान महावीर मेडिका सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल पहुंच कर चाईबासा के टोंटा क्षेत्र में हुए आईईडी ब्लास्ट में 209 कोबरा बटालियन के घायल इंस्पेक्टर भूपेंद्र कुमार से मुलाकात की और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
झारखंड में नक्सलियों का गढ़ ….
बता दें कि झारखंड में नक्सलियों का गढ़ बन चुका आज का गिरिडीह, लातेहार, लोहरदगा, पलामू, गढ़वा, गुमला, खूंटी, पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम कई जिलों समेत राज्य के सीमांत क्षेत्रों में नक्सलियों का खौफ बना रहता है। हालांकि, झारखंड में अब नक्सलवाद पहले की तुलना में काफी कम हुआ है, लेकिन इसे जड़ से खत्म नहीं किया जा सका है। नक्सलियों के कब्जे से मुफ्त करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा इन इलाकों पर कई सालों से कई प्रयास किया जा रहे है। इतने प्रयासों के बाद भी जड़ से नक्सलवाद को खत्म नहीं किया जा सका है। नक्सलवाद को खत्म करने की दिशा में वर्तमान की हेमंत सोरेन भी काफी काम कर रही है।
5.279 करोड़ रुपये की विकास योजना….
लंबे समय से नक्सलवाद से प्रभावित रहा बूढ़ा पहाड़ को राज्य और केंद्रीय बलों के निरंतर प्रयास के बाद हाल ही में सितंबर 2022 में विशेष अभियान के बाद इस क्षेत्र को नक्सल मुक्त करने में सफलता मिली है। सीएम हेमंत सरकार राज्य के पहले ऐसे मुख्यमंत्री है, जिन्होंने झारखंड में नक्सलियों के गढ़ माने जाने वाले बूढ़ा पहाड़ पर कदम रखा। अति नक्सल प्रभावित बूढ़ा पहाड़ में इसी साल जनवरी महीने में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन वहां पहुंच 5.279 करोड़ रुपये की विकास योजनाओं के साथ वहां के ग्रामीणों से मुलाकात की थी।
आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति….
झारखंड मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड को नक्सलवाद से मुक्त करने और नक्सलियों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए “आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति” लेकर आई है। राज्य सरकार की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर पुलिस के सामने कई दुर्दात नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया। इस नीति का भी अच्छा प्रभाव देखने को मिल रहा है। माओवादियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ ही
” आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति” का उद्देश्य है। राज्य सरकार के द्वारा आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत कई लाभ दिए जा रहे है, सरकार उन्हें बेहतर जिंदगी जीने का एक मौका दे रही है। केंद्र और राज्य के अब तक के प्रयासों से झारखंड में नक्सलियों का खौफ पहले बहुत कम हो चुका है। साथ ही राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन और सीएम हेमंत सोरेन झारखंड से नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए बड़ा प्लान ला रहे है। उम्मीद की जा रही है, कि हेमंत सरकार का यह प्रायस झारखंड के हित में सफल हो।