रांची : पूर्व मंत्री लुईस मरांडी ने कहा कि 4 वर्षों में जनता के बीच जिस तरह से आंख में धूल झोंककर सत्ता में आने का काम किया है।उन्होंने काम तो कुछ नही किया है, बस काम गिनाने में लग जाते है। डॉ मारण्डी ने कहा कि हेमंत सरकार में समाज कल्याण विभाग में आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका-सहायिका को किसी भी तरह का यूनिफार्म उपलब्ध नही कर पाई। डॉ मराण्डी ने कहा कि बढ़े हुए कुपोषण को रघुवर सरकार में बहुत हद तक कंट्रोल किया गया था लेकिन आज कुपोषण दिन प्रतिदिन बढ़ रही है।रघुवर दास की सरकार में पोषण सखी का नियुक्तियां हुई थी और वे सभी अपनी सेवाएं भी दे रही थी। लेकिन जैसे ही हेमन्त सोरेन सरकार आयी उन्होंने पोषण सखी की नियुक्तियां को रद्द कर दिया। साथ ही जो काम कर रही थी उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। डॉ मरांडी ने कहा कि जिस तरह से हेमन्त सरकार महिलाओं के लिए बड़े वाद कर सत्ता में आई थी ,ठीक उसके उलट हेमन्त सरकार काम कर रही है।डॉ मरांडी ने कहा कि रघुबर सरकार में मुख्यमंत्री सुकन्या योजना शुरू हुआ था उसे इस सरकार ने सिर्फ नाम बदलकर सावित्री बाई फुले योजना को शुरू कर वाहवाही लूटी रही है। डॉ मरांडी ने कहा कि रघुवर सरकार में 0 वर्ष से ऊपर के कक्षा तक पैसा देने का प्रवधान था लेकिन हेमन्त सरकार ने सिर्फ 8वीं कक्षा से ऊपर तक को पैसा देने का काम कर रही है। यह तो उन गरीब परिवार के बच्चो के साथ अन्याय है। उ नके माता पिता उनको 8वीं तक कि पढ़ाई कैसे करवाएंगे। डॉ मरांडी ने कहा कि रघुबर सरकार में मुख्यमंत्री सुकन्या योजना के तहत बेटी के जन्म से लेकर 12वीं पास करने तक 30 हज़ार रुपया और 18 साल की आयु होने पर 10 हज़ार रुपये मिलते थे। साथ ही बेटी की शादी के लिए मुख्यमंत्री कन्यादान योजनाके तहत अलग से 30 हज़ार रुपये दिए जाते थे। डॉ मरांडी ने कहा कि पिछले भाजपा सरकार में 1 रुपए में महिलाओं के लिए 50 लाख तक कि जमीन एवं मकान की रजिस्ट्री होती थी जिसे हेमन्त सरकार से बंद कर दिया। कहा कि हेमंत सरकार चार वर्षों के महिलाओं केलिए संवैधानिक सहारा बनने वाली संस्था महिला आयोग का गठन नही किया।
महिलाओ को सुरक्षा एवं सम्मान दे पाने में हेमन्त सरकार नाकाम: अपर्णा सेन गुप्ता
निरसा विधायक अपर्णा सेन गुप्ता ने कहा कि 2019 में ठगबंधन की सरकार अपने-अपने घोषणापत्र में बड़े बड़े वायदे इस राज्य की जनता को दिखाए थे , सरकार में आएंगे तो महिलाओं को सुरक्षा देंगे। राज्य में महिलाओं की सुरक्षा की क्या स्थिति है यह किसी से छुपा नही है। राज्य में पिछले 4 वर्षों में 6000 से अधिक महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटना ही राज्य सरकार में महिलाओं की सुरक्षा की कितनी गारंटी है उसको बताने के लिए काफी है। राज्य की बहू- बेटियां कही भी सुरक्षित नही है। स्कूल कॉलेज के छात्राएं जब तक घर वापस नही लौटती है तब तक मां-बाप चिंतित रहते है। 6 से लेकर 60 साल तक कि महिलाओं का रेप, हत्या, उत्पीड़न इस सरकार में दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रही है। राज्य की जनता सब कुछ देख रही है कि हेमंत सरकार में महिलाएं कितनी डरी सहमी है। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार सत्ता में आने से पहले महिलाओ के सुरक्षा के दृष्टिकोण से अलग से बैंक खोलेंगे।और 3 लाख की आबादी में महिला थाना खोलने की घोषणा किये थे लेकिन यह भी ख़्वाली पुलाव निकला।जब भाजपा के महिला विधायकों द्वारा विधानसभा में 3 लाख की आबादी में एक महिला थाना के मुद्दों पर अपनी आवाज़ उठाते है तो बोलने तक नही दिया जाता, इससे पता चलता है महिलाओं के प्रति इनकी क्या हमदर्दी। है। उन्होंने कहा कि किस प्रकार से डायन हत्या की मामले बढ़ी है, उसे राज्य सरकार रोकने में नाकाम साबित हुई है। उन्होंने कहा कि इस सरकार में कस्तूरबा स्कूल की स्थिती काफी दयनीय एवं दर्दनाक है। कस्तूरबा स्कूल में बढ़ रही बच्चियो के लिए मूलभूत सुविधा का अभाव है।नन वहां अच्छा पौष्टिक भोजन मिल पा रहा है और न ही पढ़ाई की सामग्रियां। इसके साथ साथ सुरक्षा के लिहाज से सरकार की कोई योजना नही है।उन्होंने कहा कि इस सरकार से अपने घोषणा में गरीब महिलाओं को प्रत्येक महीना चूल्हा खर्च के रूप में 2000 रुपया देने का वादा किया था लेकिन यह भी झूठा साबित हुआ। प्रेस वार्ता में महिला मोर्चा अध्यक्ष आरती कुजूर उपस्थित थी।