एचईसी के पास केस लड़ने के पैसे भी नहीं, देनदारी 3000 करोड़ के पार….

हैवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन (एचईसी) की आर्थिक स्थिति इतनी दयनीय हो चुकी है कि अब उसके पास कोर्ट में केस लड़ने के लिए भी पैसे नहीं हैं. कंपनी के वकीलों की फीस भी बकाया है, जिस कारण एचईसी कोर्ट से मिले नोटिस का जवाब देने में असमर्थ है. वर्तमान में, एचईसी की कुल देनदारी लगभग तीन हजार करोड़ रुपये के करीब पहुंच गई है, और केंद्र सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है. एचईसी के बैंक खातों के फ्रीज हो जाने से कंपनी की परेशानियां और बढ़ गई हैं. इस कारण कंपनी के कर्मचारियों को वेतन मिलने की भी संभावना खत्म होती जा रही है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, एचईसी बैंक खाता फ्रीज किए जाने के विरोध में न्यायालय में अपनी बात रखेगा और इसे पुनः सक्रिय कराने का आग्रह करेगा, ताकि किसी भी प्रकार से कंपनी का कामकाज जारी रखा जा सके. एचईसी के श्रमिक नेता लालदेव सिंह ने भेल (भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड) के अधिकारियों की आलोचना करते हुए कहा कि वे कंपनी को सही ढंग से चलाने में नाकाम रहे हैं. उन्होंने कहा कि भेल के अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति के बाद से एचईसी की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है. भेल के अधिकारियों को उनके मूल संस्थान से वेतन और अन्य सुविधाएं मिल रही हैं, जबकि एचईसी के कर्मचारी भुखमरी के कगार पर खड़े हैं. लालदेव सिंह ने केंद्र सरकार से एचईसी की बिगड़ती स्थिति पर जल्द से जल्द ठोस निर्णय लेने की अपील की है.

देनदारियों और फ्रीज हुए बैंक खातों ने बढ़ाई मुश्किलें

एचईसी के बैंक खाते फ्रीज किए जाने के कारण कंपनी की आर्थिक स्थिति और ज्यादा जटिल हो गई है. कंपनी की देनदारियां लगातार बढ़ रही हैं, और इन हालातों में कोर्ट केस लड़ने के लिए जरूरी धनराशि का अभाव है. अधिकारियों के मुताबिक, एचईसी न्यायालय में अपील करके अपने बैंक खातों को फिर से चालू कराने की कोशिश करेगा.

कर्मचारियों के वेतन पर संकट

बैंक खाते फ्रीज होने से कंपनी के कर्मचारियों के वेतन पर भी संकट आ गया है. कर्मचारियों की सैलरी रुक गई है और कंपनी की वित्तीय स्थिति में सुधार के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं. इससे एचईसी के कर्मचारियों में रोष और चिंता का माहौल है.

केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग

एचईसी के श्रमिक नेता लालदेव सिंह ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वे इस संकट को गंभीरता से लें और जल्द से जल्द कोई ठोस कदम उठाएं. उन्होंने भेल के अधिकारियों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि एचईसी के हालात उनके गलत प्रबंधन के कारण और बिगड़ रहे हैं. लालदेव सिंह ने कहा कि भेल के अधिकारी कंपनी को सुचारू रूप से चलाने में विफल साबित हुए हैं, और उनकी वजह से एचईसी की स्थिति लगातार गिरती जा रही है.

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