झारखंड के कई जिलों में लगातार तेज आंधी तुफान से जन जीवन अस्त व्यस्त है. राज्य में अगले 48 घंटों तक भारी बारिश की आशंका है. मौसम विभाग ने झारखंड के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग के अनुसार झारखंड के सरायकेला-खरसांवा, पश्चिमी एवं पूर्वी सिंहभूम जिलों समेत अनेक इलाकों में अगले 48 घंटों तक भारी बारिश होगी. राजधानी रांची में भी कल से तेज बारिश हो रही है. बारिश की वजह से आज सुबह रांची एयरपोर्ट से जाने वाली तमाम फ्लाइट को आज कैंसिल कर दिया गया. शहर के कई इलाकों में बड़े-बड़े पेड़ उखड़ गये हैं, जिसकी वजह से आवागमन पर भी असर पड़ा है.
70 से 200 मिमी तक बारिश की संभावना..
मौसम विभाग के अनुसार राज्य के इन जिलों समेत अनेक अन्य इलाकों में इस दौरान 70 से 200 मिमी तक वर्षा होने की संभावना है. रांची स्थित मौसम विभाग के प्रमुख अभिषेक आनंद ने बताया कि झारखंड के चतरा, पूर्वी सिंहभूम और कोडरमा जिलों में जोरदार बारिश हो सकती है. उन्होंने कहा कि इन जिलों में मेघ गर्जन के साथ आकाशीय बिजली भी गिर सकती है. उन्होंने कहा कि इस दौरान तेज हवाएं भी चलेंगी. हवाओं की गति 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है.
बालासोर से 200 किमी दूर स्थित है निम्न दबाव..
मौसम केंद्र के प्रभारी अभिषेक आनंद ने बताया कि निम्न दबाव बालासोर से 200 किमी दूर स्थित है. यह बंगाल की खाड़ी होते हुए झारखंड आयेगा. यहां से छत्तीसगढ़ की ओर जायेगा. इस कारण राज्य के कई इलाकों में 20 अगस्त को हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश होगी. 21 अगस्त को इसका आंशिक असर होगा. 22 को राज्य के कुछ स्थानों में हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश होगी. 23 को एक बार कहीं-कहीं तेज बारिश होगी. बारिश के कारण तापमान में गिरावट आयेगी.
झारखंड के दक्षिणी इलाकों में दिखेगा असर..
मौसम केंद्र के अनुसार, 20 अगस्त को झारखंड के दक्षिणी इलाकों में भी असर दिखेगा. गुमला, सिमडेगा और लोहरदगा में भारी बारिश हो सकती है. इसे लेकर मौसम केंद्र ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. इन इलाकों में हवा की गति 30 से 40 किमी तक हो सकती है. प्रशासन को पूरी तैयारी करने की सलाह दी है. शेष इलाकों में हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश होगी.
कुछ दिनों तक फसलों में दवा और यूरिया नहीं डालें किसान..
मौसम को देखते हुए बीएयू के कृषि मौसम एवं पर्यावरण विभाग द्वारा संचालित ग्रामीण कृषि मौसम सेवा ने किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की है. बताया गया है कि किसान अगले दो-तीन दिनों तक खेतों में लगी फसलों में दवा का छिड़काव या यूरिया का भुरकाव नहीं करें. फसल पर संभावित असर को देखते हुए धान (सीधी बुआई) के समय पर बोयी फसल, जो पुष्पावस्था में है, वहां अत्यधिक जल जमाव या पानी के तेज बहाव के कारण पौधों के गिरने की संभावना है. बचाव के लिए किसान खेतों में जरूरत से अधिक जल जमाव नहीं होने दें. मकई, मूंगफली, सोयाबीन और मड़ुआ की बोयी गयी फसलों के पौधों के गिरने तथा देर से बोयी गयी फसल के पौधों के गलने की संभावना को देखते हुए सुरक्षित जल निकासी के लिए खेत में तुरंत नालियां बनायें. वर्षा में अत्यधिक भींगने से पशुओं के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना है. इससे पशुओं को बचायें.