झारखंड विधानसभा में बालू और प्रश्नपत्र लीक मुद्दे पर गरमाई बहस…..

झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन सदन में जमकर हंगामा हुआ. मुख्य रूप से दो मुद्दे— झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) की मैट्रिक परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक और राज्य में बालू की किल्लत— चर्चा के केंद्र में रहे. भाजपा विधायकों ने इन दोनों मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश की.

प्रश्नपत्र लीक पर भाजपा का विरोध

झारखंड बोर्ड की 10वीं परीक्षा के हिंदी और विज्ञान के प्रश्नपत्र लीक होने की खबर से शिक्षा जगत में हड़कंप मचा हुआ है. इस मुद्दे को लेकर भाजपा ने विधानसभा के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया और सरकार से सीबीआई जांच की मांग की. विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने पर भाजपा विधायकों ने सदन में भी हंगामा किया. भाजपा के विधायक नीरा यादव और राज सिन्हा ने प्रश्नपत्र लीक मामले पर कार्य स्थगन प्रस्ताव पेश किया, लेकिन स्पीकर ने इसे खारिज कर दिया. स्पीकर ने तर्क दिया कि इस मुद्दे पर बजट सत्र के दौरान भी चर्चा हो सकती है, इसलिए कार्य स्थगन का कोई औचित्य नहीं है. विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा के कई विधायक आसन के पास पहुंच गए और सीबीआई जांच की मांग करने लगे. स्पीकर ने समझाते हुए कहा कि प्रदर्शन की वजह से यह मुद्दा पहले ही सदन तक आ चुका है, इसलिए अब विधायकों को अपनी सीटों पर बैठ जाना चाहिए ताकि कार्यवाही सुचारू रूप से चल सके. भाजपा विधायकों ने सरकार पर शिक्षा व्यवस्था की अनदेखी का आरोप लगाया और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की.

बालू की समस्या पर सत्ता और विपक्ष में तीखी नोकझोंक

सदन में बालू की उपलब्धता और अवैध खनन को लेकर भी जोरदार बहस हुई. भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने सरकार से पूछा कि बालू घाटों की बंदोबस्ती न होने और आम लोगों को बालू न मिलने की समस्या कब तक बनी रहेगी? उन्होंने आरोप लगाया कि अवैध तरीके से बालू की बिक्री की जा रही है और प्रशासन की मिलीभगत के कारण आम लोगों को 44 हजार रुपये प्रति हाइवा बालू खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है. इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी बहस हुई. प्रभारी मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने गरीबों के लिए बालू मुफ्त कर दिया है. प्रधानमंत्री आवास योजना और अबुआ आवास योजना के लाभार्थियों को भी मुफ्त बालू दिया जा रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (JSMDC) के पास पर्याप्त बालू उपलब्ध है.

सरकार का जवाब और भाजपा विधायकों का पलटवार

सरकार की ओर से बताया गया कि राज्य में कुल 444 बालू घाटों में से 261 घाटों को लीज ऑफ इंटेंट (LOI) जारी किया जा चुका है. 159 घाटों के लिए अनुबंध हो चुका है, जबकि 64 घाटों की बंदोबस्ती के लिए पर्यावरण स्वीकृति की प्रक्रिया जारी है. शेष घाटों पर प्रक्रिया पूरी होने के बाद बालू की आपूर्ति सामान्य हो जाएगी. भाजपा विधायक सीपी सिंह ने सरकार के जवाब पर चुटकी लेते हुए कहा कि उन्हें सिर्फ दो हाइवा बालू चाहिए, मंत्री जी बालू उपलब्ध करा दें, भुगतान कर दिया जाएगा. इस पर मंत्री ने मजाकिया लहजे में कहा कि इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा. वहीं, नवीन जायसवाल ने सरकार से यह भी पूछा कि अब तक कितने लोगों को मुफ्त बालू मिला है? जवाब में मंत्री ने बताया कि अब तक 573 गरीबों को 1.63 हजार क्यूबिक फीट (CFT) बालू मुफ्त दिया जा चुका है.

बालू की दर पर मंत्री-विधायकों में बहस

भाजपा विधायकों ने सरकार से यह जानकारी मांगी कि वर्तमान में राज्य में बालू की दर क्या है? मंत्री ने जवाब देने से पहले विपक्षी विधायकों से कहा कि पहले वे पेट्रोल-डीजल की दरें बता दें. इस पर भाजपा विधायक मनोज यादव ने कहा कि झारखंड में बालू बिहार से लाया जा रहा है, जिससे यहां के लोगों को महंगा बालू खरीदना पड़ रहा है. सीपी सिंह ने भी इस बात का समर्थन किया और सरकार से इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाने की मांग की.

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