आफत की गर्मी! झारखंड के कई जिलों में मर रहे हैं चमगादड़..

झारखंड के लातेहार, गढ़वा, हजारीबाग और रांची समेत कई जिले में भारी संख्या में चमगादड़ों की मौत हो रही है। पूरे देश में अभी भीषण गर्मी और हीटवेव का कहर बरकरार है। खासकर झारखंड के गढ़वा, हजारीबाग जिले में भीषण गर्मी पड़ रही है। जिसका असर अब ना केवल इंसानों तक सीमित रह गया है बल्कि साथ साथ पशु पक्षियों पर भी इसका गंभीर प्रभाव देखा जा रहा है। गढ़वा जिले के कांडी प्रखंड के सुंडीपुर मे हीटवेव के चलते दो दर्जन से अधिक चमगादड़ों की मौत हो गई। जिसके बाद वहां के ग्रामीणों ने मरे हुए चमगादड़ों को पका कर खा लिया। चमगादड़ खाने के बाद अब गांव के लोगों में महामारी होने का डर सता रहा है।

इस बात की सूचना मिलते ही डीसी ने स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट करते हुए उस गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम को भेज कर सभी ग्रामीणों की जांच कराई। चमगादड़ खाने वाले 27 लोगों की जांच की गई है जिन्हें स्वस्थ्य बताया गया है और अब जाकर लोगों में थोड़ी राहत है। पर स्वास्थ्य विभाग ने कुछ समय के लिए जब तक सही तरीके से जांच नहीं हो जाती तब तक आइसोलेट रहने ही सलाह दी है।

मामले को लेकर स्थानीय लोगों के बयान
स्थानीय लोगों के अनुसार, यहां पीपल, बरगद इमली, सेमल, आम के पेड़ों पर वर्षों से चमगादड़ों का आशियाना है, कुछ लोग चमगादड़ के मांस के आदि हैं, पर कोरोना संक्रमण के बाद से लोग लोगों में डर हो गया है और लोग ऐसे जीवों का सेवन करने से परहेज कर रहे हैं, जिससे इनके शिकार में कमी देखी जा रही है। वहीं पर्यावरणविद डा. मुरारी सह चमगादड़ों के बारे में बात करते हुए कहते हैं कि चमगादड़ों के पंख महीन झिल्ली से बने होते हैं। वह अधिक तापमान या गर्म वातावरण नहीं सह पाते हैं। गर्मी दूर करने के लिए ये पानी में गोता लगाते हैं, जिससे इनके शरीर का तापमान कम हो जाता है, ऐसे में बढ़ती गर्मी ने इनका जीना मुश्किल कर दिया है और काफी संख्या में इन चमगादड़ों की तेज तापमान से झुलसकर मौत होती जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

×