झारखंड में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह (लॉकडाउन) एक सप्‍ताह के लिए बढ़ा..

झारखंड में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह को कुछ रियायतों के साथ एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया गया है। अभी 27 मई की सुबह 6 बजे तक मौजूदा नियमों के तहत लॉकडाउन प्रभावी थे जो कि अब तीन जून की सुबह तक होगा। सरकार ने इस बार कई रियायतें भी दी हैं। इन रियायतों में सबसे बड़ा लाभ कृषि सेक्टर को मिला है। किसानों को बाजार तक अपना उत्पाद लेकर जाने के लिए अब ई-पास की कतई जरूरत नहीं है। इससे किसान अपने उत्पाद, सब्जियां आदि लेकर सीधे बाजार पहुंच सकते हैं। किसानों के अलावा मीडिया कर्मियों, कोर्ट के कार्य से निकलनेवाले लोगों, उद्योगों और खान में काम करनेवाले लोगों और सरकारी कर्मियों को ई-पास बनवाने की दरकार नहीं होगी।

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में आज आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में 27 मई की सुबह छह बजे समाप्त हो रहे स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह की अवधि को एक सप्ताह बढ़ाने का निर्णय लिया गया। राज्य में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह अब तीन जून की सुबह छह बजे तक प्रभावी रहेगा। इस दौरान पहले से लागू सभी प्रतिबंध जारी रहेंगे। इस बैठक में चक्रवातीय तूफान यास के झारखंड में पड़ने वाले संभावित असर और उससे निपटने को तैयारियों को लेकर भी मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।

एक तिहाई कर्मचारियों के साथ खुलेगा सचिवालय..
आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में सचिवालय को दोपहर दो बजे तक खोलने का निर्णय़ लिया गया। इस दौरान संयुक्त सचिव से ऊपर स्तर के सभी पदाधिकारियों को अनिवार्य रूप से सचिवालय आना होगा, वहीं 33 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ सचिवालय के विभिन्न विभाग कार्य करेंगे। इसके अतिरिक्त ई-पास की अनिवार्यता जारी रहेगी, लेकिन, सरकारी कर्मियों, मीडियाकर्मियों तथा बड़ी कंपनियों अथवा फैक्ट्रियों में काम करने वालों का ड्यूटी पास मान्य होगा। इन्हें ई-पास की अनिवार्यता से छूट दी गई है।

झारखंड में कल से चक्रवातीय तूफान का दिख सकता असर..
मुख्यमंत्री को आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव डॉ अमिताभ कौशल ने चक्रवातीय तूफान यास का झारखंड में पड़ने वाले असर, बचाव तथा राहत को लेकर की गई तैयारियों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि मौसम विभाग ने जो पूर्वानुमान जारी किया है उसके मुताबिक यह तूफान कल ओड़िसा के तटीय इलाके से टकराएगा । इसका असर झारखंड में भी देखने को मिल सकता है. तूफान से पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसांवा, गुमला, खूंटी और सिमडेगा के ज्यादा प्रभावित होने की संभावना है। इन इलाकों में 90 किलोमीटर अथवा उससे ज्यादा रफ्तार से हवा चलने और कुछ इलाकों में भारी बारिश होने की आशंका है। यहां चक्रवातीय तूफान यास का असर 26-27 मई को ज्यादा पड़ेगा, जबकि 28 को इसके धीमा होने की उम्मीद है।

चक्रवातीय तूफान से बचाव और राहत को लेकर तैयारियां पूरी..
मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों के तहत चक्रवातीय तूफान से बचाव और राहत को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग ने तैयारियां पूर कर ली है। इसके तहत अस्पतालों में बिजली और ऑक्सीजन आपूर्ति बाधित नहीं हो, इसके लिए पुख्ता व्यवस्था की गई है। वहीं, पेड़, खंभे और पोल आदि के गिरने से सड़कों पर आवागमन बाधित नहीं हो, इस बाबत सभी जिलों के उपायुक्त को गिरने वाले पेड़ों को हटाने के लिए पूरी व्यवस्था करने को कहा गया है। भारी बारिश के कारण कच्चे घरों को नुकसान पहुंचने की काफी आशंका है, ऐसे में लोगों को रखने के लिए शिविर की व्यवस्था की गई है। भारी बारिश से स्वर्णरेखा नदी के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति भी पैदा हो सकती है। ऐसे में अधिकारियों को इन इलाकों की लगातार निगरानी करने को कहा गया है। वहीं तेज, हवा और बारिश से बिजली आपूर्ति बाधित हो सकती है। इस बाबत ऊर्जा विभाग को भी अलर्ट कर दिया गया है. इसके अलावा चक्रवातीय तूफान से होने वाले नुकसान और लोगों को राहत पहुंचाने के लिए अन्य सभी तैयारियां भी पूरी कर ली गई हैं।

इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री श्री बन्ना गुप्ता, मुख्य सचिव श्री सुखदेव सिंह, विकास आय़ुक्त -सह -अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग श्री अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजीव अरुण एक्का, प्रधान सचिव श्री अजय कुमार सिंह, सचिव श्री विनय कुमार चौबे, सचिव श्री अमिताभ कौशल और सचिव श्री अबुबकर सिद्दीकी मौजूद थे।

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