सरकार रिम्स समेत किसी भी ब्लड बैंक में सभी मरीजों को मुफ्त में ही ब्लड मुहैया कराएगी। निजी अस्पतालों में बीमा या आयुष्मान के तहत इलाज कराने वाले मरीजों को सरकारी ब्लड बैंकों रक्त लेने के बदले शुल्क नहीं देना पड़ेगा, बल्कि इस ब्लड के प्रोसेसिंग चार्ज विभाग सीधा अस्पतालों से ही वसूलेगा। रिम्स समेत सभी सरकारी ब्लड बैंक निजी अस्पतालों को उपलब्ध कराए गए ब्लड की एक सूची विभाग को सौंपेगा, जिसके बाद विभाग सभी अस्पतालों को उनके द्वारा लिए गए कुल रक्त का प्रोसेसिंग चार्ज का बिल भेजेगा। इसका भुगतान अस्पतालों को विभाग को करना होगा।
बता दें कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा 20 नवंबर को एक संकल्प जारी किया गया था, जिसके अनुसार बीमा या आयुष्मान भारत योजना के तहत किसी भी निजी अस्पताल में इलाज कराने वाले मरीजों को मुफ्त में ब्लड नहीं देने की बात कही गयी थी।
रिम्स ब्लड बैंक में नहीं लग रहे पैसे
रिम्स के ब्लड बैंक से ब्लड लेने वाले किसी भी मरीज से रिम्स पैसे नहीं ले रहा है। संकल्प जारी होने के बाद कुछ दिनों से निजी अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए ब्लड ले जाने पर 1150 रुपये प्रोसेसिंग चार्ज के तौर पर वसूला जा रहा था। बता दें कि संकल्प जारी होने से पहले तक किसी भी मरीज से पैसे नहीं लिए जाते थे। बता दें कि सरकार द्वारा संकल्प जारी होने के बाद रक्तदान कराने वाली कई संस्थान ने विरोध और धरना प्रदर्शन भी किया था।
इस कदम से मरीजों को मिलेगी राहत, कालाबाजारी होगी समाप्त
बता दें कि अब सरकार के इस फैसले से रक्त को लेकर होने वाली कालाबाजारी पर विराम लग सकता है। बता दें कि इससे पहले कई निजी अस्पतालों बीमा के तहत इलाज कराने वाले मरीजों से सरकारी ब्लड बैंकों से मुफ्त में मंगाती थी, और उसके बदले भी 2200 के करीब सरकार से वसूल लेती थी। इस फैसले के बाद इस लूट पर रोक लग जाएगी।