देश में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के मामले बढ़ने के बाद झारखंड में स्वास्थ्य महकमा सतर्क हो गया है. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने सभी सिविल सर्जनों को अलर्ट रहने की सलाह दी है और इसके साथ ही उन्होंने एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर संदिग्ध व्यक्तियों की स्क्रीनिंग करने का निर्देश दिया है. यह कदम वायरस के प्रसार को रोकने के लिए उठाया गया है.
स्वास्थ्य विभाग की तैयारी और निर्देश
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एचएमपीवी से घबराने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि विभाग हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने सभी सिविल सर्जनों को एक पत्र भेजकर यह निर्देश दिया है कि वे बुधवार से संदिग्ध मरीजों की स्क्रीनिंग करें और सैंपल कलेक्ट कर रिम्स और एमजीएम अस्पताल, जमशेदपुर में भेजें. मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने इस वायरस से निपटने के लिए पूरी तैयारी की है और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए हर आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य के सभी प्रमुख स्थानों, जैसे एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर डॉक्टरों की तैनाती की जाएगी, ताकि संदिग्ध व्यक्तियों की जांच की जा सके. उन्होंने बताया कि इस तरह के कदम कोविड-19 के दौरान किए गए इंतजामों के समान होंगे, ताकि एचएमपीवी का प्रसार रोका जा सके. देश में एचएमपीवी के मामले बढ़ने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी राज्यों को सतर्क रहने की सलाह दी है. मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने राज्यों के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक की. इस बैठक में श्वसन संबंधी बीमारियों की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की गई और सभी राज्यों को निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए. केंद्र सरकार ने राज्यों को यह भी सलाह दी कि वे प्रचार-प्रसार माध्यमों का इस्तेमाल करके लोगों को एचएमपीवी से बचाव के उपायों के बारे में जागरूक करें. इसमें बार-बार हाथ धोने, गंदे हाथों से आंख, नाक और मुंह को न छूने, रोग के लक्षण वाले लोगों से दूर रहने, और खांसते-छींकते समय मुंह और नाक को ढकने जैसे उपायों के बारे में बताया गया. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी कहा कि देश में श्वसन संबंधी संक्रमणों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई है, लेकिन वायरस के फैलने से बचने के लिए कड़ी निगरानी रखी जा रही है. इसके साथ ही राज्यों को यह भी कहा गया कि वे लोगों को आवश्यक सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूक करें और सुनिश्चित करें कि कोई भी व्यक्ति वायरस के लक्षणों का अनुभव होने पर तुरंत उपचार प्राप्त करें.
एचएमपीवी के लक्षण और बचाव के उपाय
एचएमपीवी वायरस श्वसन संबंधी बीमारियों का कारण बनता है, और यह खासकर बच्चों और बुजुर्गों को प्रभावित करता है. इसके लक्षणों में बुखार, खांसी, नाक बंद होना और थकान शामिल हैं. गंभीर मामलों में, विशेष रूप से छोटे बच्चों और बुजुर्गों में, सांस लेने में तकलीफ और तेजी से सांस लेने के लक्षण भी दिख सकते हैं. विशेषज्ञों ने इस वायरस से घबराने के बजाय सतर्क रहने की सलाह दी है और यह कहा है कि यदि किसी को इस वायरस के लक्षण दिखाई दें तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. झारखंड में स्वास्थ्य विभाग ने पहले ही वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं, और मरीजों के परीक्षण की व्यवस्था भी शुरू कर दी गई है.
महाराष्ट्र में संदिग्ध मामले और राज्य सरकार की तत्परता
महाराष्ट्र के नागपुर से भी एचएमपीवी के संदिग्ध मामलों की रिपोर्ट आई है. मंगलवार को यहां दो बच्चों में एचएमपीवी के लक्षण पाए गए थे. इन बच्चों को प्राथमिक उपचार दिया गया और उनके सैंपल एम्स नागपुर और पुणे भेजे गए हैं. इसके बाद स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि इन मामलों की निगरानी जारी रखी जाएगी और जल्द ही परिणाम प्राप्त होने की उम्मीद है. झारखंड में भी स्वास्थ्य विभाग ने एचएमपीवी के प्रसार को रोकने के लिए पूरी तैयारी कर ली है. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि राज्य सरकार इस वायरस के खतरे से निपटने के लिए हर कदम उठाएगी और लोगों को किसी भी स्थिति में घबराने की जरूरत नहीं है.