सावन में पहाड़ी मंदिर में भव्य तैयारी, अरघा सिस्टम से जलाभिषेक..

रांची | 4 जुलाई 2025 | सावन के पावन महीने में भगवान शिव के भक्तों की भीड़ झारखंड की राजधानी रांची स्थित ऐतिहासिक पहाड़ी मंदिर में उमड़ने वाली है। इस बार श्रावण माह के दौरान मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए विशेष व्यवस्था की है। जलाभिषेक को सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए इस बार अरघा सिस्टम लागू किया जाएगा।

क्या है अरघा सिस्टम?

अरघा सिस्टम एक विशेष प्रकार की जल अर्पण विधि है, जिसमें श्रद्धालु बिना शिवलिंग को सीधे स्पर्श किए, अरघा पाइप के माध्यम से भगवान शिव को जल चढ़ा सकते हैं। यह व्यवस्था:

  • भीड़ को नियंत्रित करने में मदद करेगी।
  • जलाभिषेक की प्रक्रिया को तीव्र और व्यवस्थित बनाएगी।
  • श्रद्धालुओं को लंबे समय तक कतार में खड़े रहने से बचाएगी।

डीसी ने की तैयारियों की समीक्षा

शुक्रवार को रांची समाहरणालय के डीसी कक्ष में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में श्रावण माह की तैयारियों की समीक्षा की गई। बैठक की अध्यक्षता डीसी सह पहाड़ी मंदिर विकास समिति के अध्यक्ष मंजूनाथ भजंत्री ने की।

बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारी, मंदिर समिति के सदस्य और पुलिस प्रशासन मौजूद रहे।

बैठक में दिए गए निर्देश

  • सरकारी पूजा के बाद सुबह 3:30 बजे से आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के पट खोले जाएंगे।
  • अरघा सिस्टम की व्यवस्था हर हाल में सुनिश्चित की जाएगी।
  • प्रत्येक सोमवार को मंदिर परिसर को फूलों से सजाया जाएगा
  • मंदिर के बाहर बैरिकेडिंग और ट्रैफिक व्यवस्था को सख्त किया जाएगा।
  • खोया-पाया केंद्र और सूचना प्रसार के लिए साउंड सिस्टम लगाया जाएगा।
  • स्वास्थ्य सेवाएं, अग्निशमन दल, नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस की विशेष तैनाती होगी।
  • मंदिर के पास से अतिक्रमण हटाने और असामाजिक तत्वों की निगरानी के लिए थाना प्रभारियों को विशेष निर्देश दिए गए हैं।
  • सावन मास के आयोजन में होने वाले खर्च की समीक्षा कर संबंधित विभागों को दिशा-निर्देश दिए गए।

डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने कहा

“श्रावण माह में लाखों श्रद्धालु पहाड़ी मंदिर पहुंचते हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा और सुविधा हमारी प्राथमिकता है। अरघा सिस्टम से भक्तों को जलाभिषेक के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सभी विभाग आपसी समन्वय से काम करें ताकि सावन का आयोजन शांतिपूर्ण और भव्य तरीके से संपन्न हो।”

सुरक्षा और व्यवस्था पर विशेष जोर

  • श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मंदिर परिसर और आसपास पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाई जाएगी।

  • भीड़भाड़ वाले इलाकों में ड्रोन कैमरों और सीसीटीवी से निगरानी होगी।

  • नगर निगम को साफ-सफाई की व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं।

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